शिवपुरी। पोहरी विधानसभा में शिवपुरी जिले में सबसे पहले बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर लगवाना शुरू कर दिए है। इस स्मार्ट मीटर से बिजली विभाग ऑफिस मे ही बैठकर एक क्लिक कर उपभोक्ता की बत्ती को स्विच ऑफ कर सकता है। पोहरी विधायक कांग्रेस के कैलाश कुशवाह को मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर यह पहली सौगात है। हालांकि बिजली विभाग स्मार्ट मीटरो को बिजली चोरी रोकने का सबसे बडा उपाय बता रहा है।
बिजली चोरी रोकने के लिए इस बार जिले में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। ये काम पोहरी-बैराड़ से शुरू किया गया है। इसके बाद शिवपुरी शहर में भी मोटर बदले जाएंगे। कंपनी का दावा है कि इससे मीटर रीडर बिजली के मोटर से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगे।
पोहरी और बैराड़ में 22 हजार उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाएंगे। इसके बाद शहर में 44 हजार मीटर बदले जाएंगे। इन स्मार्ट मीटर के लगने के बाद मीटर रीडर का काम केवल औपचारिकता के लिए रह जएगा। क्योंकि मीटर की रीडिंग आटोमेटिक जनरेट होगी। इस मोटर में एक चिप लगी होने के कारण रीडिंग सिस्टम में दर्ज हो जाएगी।
दरअसल कुछ मीटर रीडर भी बिजली चोरी के खेल में इस शामिल हो गए थे। में लोग माह में निश्चित राशि लेकर रीडिंग को घटा-बढ़ा दिया करते थे। रीडिंग बड़ी होने पर उपभोक्ता शिकायत करते थे, जबकि रीडिंग कम होने पर बिजली कंपनी को चूना लग जाता था। अब जब रीडिंग ही अपने आप जनरेट होगी तो मीटर रोहर की गड़बड़ी तुरंत पकड़ में आ जाएगी। इतना ही नहीं अब निर्धारित 30 दिन की अवधि का ही बिल जनरेट होगा, जिससे अब तक जो अधिक दिन का बिल आने की शिकायत मिलती थी, वह भी नहीं रहेगी। कुल मिलाकर रिगल टाइम रीडिंग होगी।
मारपीट की घटनाएं रुकेंगी, कनेक्शन कार्यालय से ही कट जाएगी
अब तक बिजली चोरी पकड़ने के लिए बिजली कंपनी की टीम को कनेकान काटने संबंधित क्षेत्र में जाना पड़ता था। इस दौरान कई बार बिजली कंपनी के कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटनाएं भी हो जाती थीं। अब इन स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली कंपनी के अफसर दफ्तर में बैठे-बैठे ही कनेक्शन काट सकेंगे। जिससे कर्मचारियों को इस प्रकार के विवाद भी नहीं झेलना होंगे। इसके अलावा यदि कोई किसी तरीके से बिजली चोरी करेगा तो वह भी डेटा की जांच करके तुरंत पकड़ में आ जाएगी।
हर माह 8 करोड़ की रकम नहीं आती
ग्वालियर चंबल अंचल में सबसे बड़ी समस्या बिजली चोरी की रही है। इसके अलावा बकाया भी सिरदर्द बना हुआ है। बकाया वसूलने के लिए यदि विज्ञानी कंपनी कनेक्शन काटती है तो रोग अवैध रूप से तार जोड़कर कनेक्शन ले लेते हैं। अकेले शिवपुरी शहरी क्षेत्र में ही विजाली कंपनी का 695 करोड़ रुपये बकाया है। मासिक बिलिंग यदि 33 करोड़ की होती ही तो वसूली केवाल 22-25 करोड़ को होती है। इन समस्याओं के समाधान के लिए बिजली कंपनी अब तक करोड़ों रुपये खर्च का चुकी है, लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में इसका कोई फायदा नहीं हुआ है।
इनका कहना हैं
स्मार्ट मीटर लगाने का काम पोहरी बैराड़ में चल रहा है। इसके बाद शिवपुरी शहर में भी मीटर बदले जाएंगे। इससे बिजली चोरी पर अंकुश लगेगा। मीटर रीडर भी अब किसी प्रकार से मीटर से छेड़छाड़ या रीडिंग में बदलाव नहीं कर पाएंगे। कहीं रियल टाइम रीडिंग भी मिलेंगी। इन मीटरों में चिप लगी है, जिससे बिजली चोरी पकड़े जाने पर कातर से ही कनेक्शन भी काटा जा सकेगा।
- संदीप कालरा, मद्याप्रबंधक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, शिवपुरी।