शिवपुरी। पिछले कई सालों से सांख्य सागर झील को सुंदरता पर ग्रहण लगाने के साथ-साथ जलीय जीवों को नुकसान पहुंचा रही जलकुंभी को साफ करने के लिए करीब चार माह पूर्व एक वीट हार्वेस्टिंग मशीन उपलब्ध करवाई गई थी। वह मशीन सांख्य सागर झील से जलकुंभी को हटाने का काम कर रही है। इसी क्रम में 04 अप्रैल को माधव टाइगर रिजर्व को एक और वीट हार्वेस्टिंग मशीन ईको टूरिज्म की तरफ से उपलब्ध करवाई गई है।
यह मशीन शिवपुरी पहुंच गई है। जल्द ही इस मशीन को भी जलकुंभी साफ करने के लिए सांखा सागर झील में उतारा आएगा। माधव टाइगर रिजर्व प्रबंधन को उम्मीद है कि जब दोनो मशीनें काम करना शुरू करेंगी ती आने वाले चार महीनों में लगभग पूरी झील साफ दिखाई देने लगेगी। माधव टाइगर रिजर्व की डीएफओ प्रियांशी राठौड़ का कहना है कि उनकी प्लानिंग है, वे नई मशीन को लेंडिंग नंबर 5 से झील में सफाई करने के लिए उतारेंगे ताकि सेलिंग क्लब की तरफ से जलकुंभी हटाने के साथ-साथ जंगल के अंदर की तरफ से भी सफाई का काम शुरू हो जाएगा। दोनों तरफ से सफाई होने पर झील में तेजी से सफाई होती नज़र आएगी।
वर्तमान में थोड़ी धीमी हुई रफ्तार
डीएफओ का कहना है कि बीच में जलकुंभी सूख गई थी, उस समय तेजी से साफ हो रही थी, लेकिन अब एक बार फिर से हरी होना शुरू हो गई है, ऐसे में जलकुंभी हटाने के काम की रफ्तार थोड़ी धीमी हो गई है। उनके अनुसार हरी जलकुंभी को हटाना सूखी जलकुंभी से थोड़ा मुश्किल होता है। उनके अनुसार जलकुंभी देवारा से झील में न बढ़े इसके लिए उन्होंने झोल से जलकुंभी को निकलवा कर वाहनों से दूर फिकवाना शुरू कर दिया है।
ऑनलाइन टिकट की समस्या का जल्द होगा समाधान
माधव टाइगर रिजर्व में सैर करने के लिए लोग देश विदेश कहीं से भी ऑनलाइन टिकट बुक करा सकें, इसलिए आनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू की गई है, परंतु तकनीकी खामी के कारण पर्यटक ऑनलाइन बुकिंग में परेशानी अनुभव कर रहे थे। इस संबंध में डीएफओ का कहना है कि उस समस्या का भी समाधान हो गया है। एक-दो दिन में वह खामी भी समाप्त हो जाएगी।
जिप्सी वाहनों की संख्या बढ़ाने की तैयारी
माधव टाइगर प्रबंधन के अनुसार माधव टाइगर रिजर्व के पास इस समय दो वाहन है। इसके अलावा दो जिप्सी और हैं, जिसमे एक एमपीटी की है, जबकि एक नवर रिसोर्ट की। इस तरह से फिलहाल चार वाहन है। पर्यटकों की संख्या को देखते हुए टाइगर रिजर्व वाहनों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। डीएफओ राठौड़ का कहना है कि कई लोग जिप्सी लगाने के लिए टाइगर रिजर्व से संपर्क कर रहे हैं। उनके अनुसार जल्द ही रिजर्व में जिप्सी की संख्या बढ़ाई जाएगी। जॉर्ज कैसल कोटी की कैंटीन पर माधव टाइगर प्रबंधन अंदर जॉर्ज कैसल कोठी पर स्थित कैंटीन पर सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में भी विचार कर रहा है।