SHIVPURI NEWS - संध्या लक्झरिया हाईराइज बिल्डिंग फिर संकट में, रेलवे विभाग करेगा जांच

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर की थीम रोड पर निर्माणाधीन हाईराइज बिल्डिंग फिर संकट के बादल मंडराने लगे है। इस भीषण गर्मी में फिर शिवपुरी के रियल स्टेट को ठंडा करने वाली खबर है। शुरुआत से अपने निर्माण के कारण विवादों में रहने वाली इस बिल्डिंग का मामला हाईकोर्ट में भी चल रहा है। शिवपुरी नगर पालिका ने इस बिल्डिंग की जांच करते इस पर स्वीकृति से अधिक निर्माण का आरोप लगाते हुए काम बंद करा दिया था। इसके बाद निर्माण करने वाली एजेंसी को हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी। उसके बाद इस भवन का निर्माण शुरू हुआ है।

रेलवे विभाग की एनओसी नहीं, अतिक्रमण की हुई शिकायत
राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के ग्वालियर चंबल संभाग अध्यक्ष रिंकू सिंह तोमर ने इस मामले को लेकर भारतीय रेलवे विभाग के टीएचआर को शिकायत की हैं।

यह है शिकायत
श्रीमान 1.O.W.अधिकारी महोदय रेलवे विभाग रेलवे स्टेशन शिवपुरी
विषय :-श्रीमान महोदय रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर कॉलोनी काटने बावत।

सेवा में निवेदन है कि शिवपुरी की थीम रोड पर निर्माणाधीन संध्या लक्जूरियस हाईर्राइड्स का निर्माण किया जा रहा है यह भवन महेंद्र लॉजिस्टिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर ललित मोहन गोयल द्वारा किया जा रहा है। यह निर्माण खसरा क्रमांक 248/1 तहसील शिवपुरी नगर बछौरा गांव भूमि पर किया जा रहा है। उक्त भूमि के पीछे रेलवे की शासकीय संपत्ति है नियमानुसार इस कॉलोनी का निर्माण करने से पूर्व कॉलोनी का निर्माण करने वाले से की एन.ओ.सी.लेनी थी लेकिन निर्माणकर्ता ने रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है इसलिये मामले की जांच कराई जाए और रेलवे की संपत्ति का सीमांकन कराया जावे और जब तक निर्माण कार्य पर रोक लगाई जावे।

इससे पूर्व भी इस भवन के निर्माण में संस्कृति से अधिक निर्माण करने का आरोप लगा था और इसकी नगर पालिका ने जांच भी कराई थी और जांच में यह सिद्ध हुआ था कि इस भवन का निर्माण स्वीकृति से अधिक भूमि पर किया जा रहा था,इसी मामले को लेकर नगर पालिका शिवपुरी ने इस निर्माण पर रोक लगा दी थी,लेकिन उसके बाद भवन का निर्माण करने वाली एजेंसी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां से राहत मिली है।

अब मामला सेंट्रल गवर्नमेंट के विभाग रेलवे विभाग में शिकायत के रूप में पहुंचा है। जहां इस विशाल भवन का निर्माण किया जा रहा है उस भवन के पीछे रेलवे की संपत्ति है जिसका निर्माण के समय विधिवत सीमांकन नहीं हुआ और रेलवे की एनओसी भी नहीं ली गई। अब इस कारण रेलवे विभाग की टीम कभी भी मौके पर पहुंच कर जांच कर सकती है। और इस निर्माण पर आपत्ति लगा सकती है।