करैरा। करैरा नगर के युवा कलाकार रौनक राय की कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान मिली है। रौनक की 'भैरवी तंत्र' पर आधारित 30 पेंटिंग्स को इटली और जर्मनी में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय रौनक राय। कला प्रदर्शनी के लिए चयनित किया गया है। यह करैरा नगर के लिए गर्व की बात है।
रौनक राय की कला में आध्यात्मिकता और साधना की गहराई स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वे मानते हैं कि सच्ची कला, ईश्वर तक पहुंचने का एक माध्यम है। जानकारी के अनुसार, लगभग 10 वर्ष पूर्व इटली के प्रसिद्ध आर्ट क्यूरेटर पैट्रियो फ्रांनिसी ने रौनक से कुछ चित्र मंगवाए थे, जो उन्होंने भेज भी दिए। कई वर्षों तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन वर्ष 2024 में फ्रांनिसी ने पुनः रौनक से चित्रों की मांग की।
रौनक ने एक बार फिर अपने कई चित्र इटली को भेजे, जिनमें से 30 का चयन अब इटली और जर्मनी की प्रदर्शनी के लिए हुआ है। पैट्रियो फ्रांनिसी एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय क्यूरेटर हैं, जो दुबई और न्यूयॉर्क आर्ट फिनाले के निदेशक रह चुके हैं। रौनक की एकल प्रदर्शनी की पुष्टि इटली की एग्जीबर्ट वेबसाइट पर की जा चुकी है। यह प्रदर्शनी इटली में 19 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक आयोजित होगी।
सरकार ने 2015 में रौनक को पुरस्कृत किया
करैरा में साल 1987 में जन्म रौनक की प्रारंभिक शिक्षा नवोदय स्कूल में हुई। ग्वालियर कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट से साल 2011 में कला शिक्षा (चित्रकला में एमएफए) पूरी की। भारत भवन भोपाल में गुरु यूसुफ सर से चित्रकला की बारीकियां को सीखीं, फिर देश में घूम-घूम कर 9 एकल प्रदर्शनियां व 30 से ज्यादा यादा सामूहिक प्रदर्शनियां लगाई। मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2015 में स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया। जीवन यापन के लिए कला शिक्षक के रूप में कार्य करने लगे।
कैनवास पर एक्रिलिक और तेल से 30 पेंटिंग बनाई
इटली व जर्मनी में रौनक के तंत्र कला सीरीज के कुल 30 पेंटिंग प्रदर्शित की जाएंगी। यह सभी पेंटिंग कैनवास पर एक्रेलिक और तेल से बनाई हैं। यह सारी पेंटिंग 'भैरवी तंत्र' पर आधारित है जिसमें संकेतों से शिव शक्ति समागम को दिखाया है। यह चित्र पूर्ण रूप से सममात्रिक नहीं हैं और पूर्ण रूप से अमूर्त भी नहीं हैं, लेकिन देखने में बेहद आकर्षक जरूर हैं। क्योंकि इनमें आध्यात्मिक दिव्यता के दर्शन भरपूर होते हैं। रौनक का मानना है कि कला कर्म एक गहरी साधना (खासकर तंत्र कला) है जिसके द्वारा ईश्वर को भी प्राप्त किया जा सकता है, बशर्ते इस साधना में संपूर्ण समर्पण जरूरी है।