SHIVPURI NEWS - संत ओर वेदपाठी ब्राहम्मणो का सम्मान समारोह को महामत्रो ने अनुष्ठान में बदल दिया, पढ़िए खबर

Bhopal Samachar

शिवपुरी। धर्म की रक्षा करने वाला, धर्म द्वारा सुरक्षित रहता है,यह एक महावाक्य है धर्म पर चलने वाले हमेशा विजयी होता है  सत्य की हमेशा जीत होती है। यह हमारे धर्म शास्त्र कहते है,लेकिन इस धर्मशास्त्र पर हमेशा से पाठन करने का कार्य वेदपाठी ब्राह्मण ही करता है। वही देवता मंत्रों के वश मे होते है और मंत्र ब्राह्मण के अधीन होते है इसलिए भी ब्राह्मण को पूज्यीन कहा गया है। यज्ञ हवन सहित अन्य पूजा पाठ भी बिना वेदपाठी ब्राह्मणों के सानिध्य भी संपन्न होते है,इसलिए सकल ब्राह्मण समाज शिवपुरी ने पांडित्य कर्म विद्वान ब्राह्मण सम्मान समारोह का आयोजन बीते रोज मंगलवार को मातोश्री होटल मे आयोजित कराया। इस समारोह मे शिरकत करने पहुंचे कर्मकाण्डी और विद्वानों ने इस कार्यक्रम का श्रीगणेश मंत्रो उच्चारण से कराया तो यह आयोजन अनुष्ठान में बदल गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास जी, महामंडलेश्वर अनिरुद्ध बन महाराज धूमेश्वर धान भितरवार, पूज्य संत चूना खो सरकार पूज्य संत बाई महाराज, किशोरीदास जी करह आश्रम, परम पूज्य महंत रूढ़ चैतन्यपुरी बगीचा सरकार, करेश श्रेष्ठ आचार्य जगदीश जैमिनी जी श्री हरिशंकर शास्त्री जी, गिरदास महाराज बांकडे एवं आचार्य डॉक्टर श्री गिरीश दुबे जी के द्वारा भगवान परशुराम जी के छाया चित्र पर दीप प्रजजनसित वार माल्यार्पण के साथ अरित वाचन श्लोक, महामंत्रो की गूंजों के बीच हुआ।

जिला अध्यक्ष भरत शमां ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज की आवश्यकता है कि वर्तमान हालातों ने भी ब्राह्मण का अस्तित्व और सम्मान वैभव जितना भी बचा है उसके मूल में विद्यमान है पांडित्य कर्म जुड़े विद्वान ब्राह्मण द्वारा घर घर कराये जा रहे पूजन, हवन, अनुष्ठान, पाठ, जाप तथा जगह जगह सुनाई जा रही भागवत, राम कथा अनेको पौराणिक कथाओं का श्रवण कराना तब हम क्यों न इन पंडितों की चरण वंदना करें इनका स्वागत सम्मान करे जिन्होने हम ब्राह्मण होने का रुतबा दिया है।

बस इसी पुनीत विचार का आकार है पांडित्य कर्म विद्वान ब्राह्मण सम्मान समारोह' समारोह भव्यता और दिव्यता देख यहाँ हर कोई कहने लगा कि हम नहज किसी साधारण कार्यक्रम में नहीं महानुष्ठान में बैठे है जिसमें लगभग 300 पंडितों के दिव्य दर्शनों के साथ महा रातों के दर्शन करने का लाभ मिल रहा है।

तत्पश्चात सत्त वचन अंतर्गत महत रूद्र चैतन्यपुरी बगीचा सरकार द्वारा ब्राह्मणों को अपने आचरण में शुद्धता लाते हुए सर्वसमाज वो कल्याण के भाव से समाज का मार्गदर्शन करना चाहिए संदेश दिया। तत्पश्चात सत बाई महाराज ने ब्राह्मण होने पर गर्व करो अहंकार नहीं करने का जीवन मंत्र दिया, महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्राह्मण सब की मंगलकामनाओं को करते हुए एक रहे एकजुट रहे भिन्न भिन्न ब्राह्मण संगठनों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी संगठनों का दिलोमिकरण कर एक संगठन बनाने पर जोर दिया। महामंडलेश्वर अनिरूद्धबन महाराज ने ब्राह्मणों का वेद पांडित्य सरकारों का वरण कर सर्व समाज को भी इन सरकारी से सुसज्जित करने की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए मंत्र देकर आशीर्वाद दिया तो गिरीश दुबे बांकडे ने अपने  उद्‌बोधन में ब्राह्मणों को अपने कृतित्व और साधना की तलवार से समाज में झडे जमा की बुराईयों का समूल नष्ठ करने पर बल दिया एवं श्री जगदीश जैमिनी जी द्वारा पांडित्य कर्म की बारीकियों से आये हुये पड़ितों को अवगत कराया।

तत्पश्चात कर्मकांडी ब्राह्मणों का शाल पट्टिका, श्रीफल व स्मृति चिन्ह के साथ दक्षिणा देकर सम्मान किया आभार व्यक्त श्री राजेन्द्र दुबे खजूरी ने व्यक्त करते हुए निर्धारित ब्राह्मण भोज में सम्मिलित होने का आग्रह किया गया अंत में कार्यक्रम की घोषणा रामजी ब्यास तथा डॉक्टर सुखदेव द्वारा अपने सारगर्भित उद्‌बोधन द्वारा की गई कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित धर्मेंद्र त्रिवेदी, भगवत शर्मा, संजय बेचैन, विफुल जैमिनी, गिर्राज शर्मा, अमर दीप शर्मा, केदार जैमिनी, रामजीलाल शर्मा, रामप्रकाश दौरिया, सतीश तिवारी, मोहन दांतरे, सुनील उपाध्याय, द्वारिका पाराशर, रामस्वरूप नायक मुकेश पाराशर दिनेश भारद्वाज, बी.एम. शर्मा, अभिषेक शर्मा ब‌ट्टे अरुण पंडित रामहेत तिवारी, राजू पिपरधार, अरविन्द सईया, विपिन पचौरी हरगोविन्द शर्मा, भगवान स्वरूप पटसारिया, अशोक ठेकेदार, पवन उपाध्याय, विवेक उपाध्याय के के त्रिपाठी कालीचरण शर्मा, हरिओम गौतम, अनिल शर्मा, महावीर उपाध्याय, मनोज अवस्थी एवं सैकड़ों सम्मानित ब्राह्मणों ने उपस्थिति दर्ज करायी।