SHIVPURI NEWS - शहर में मच्छरों का आतंक, विभागों की आपसी उलझन में धूल खा रही है फॉग मशीन

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर में मच्छरों का आतंक है शहर का ऐसा कोना नहीं है जहां मच्छर ना हो। कई स्थानों पर पर गंदगी और नियमित साफ सफाई नही होने के कारण मच्छरों की और अधिक पैदावार हो रही है। जो लोगों के घरों में प्रवेश कर रहे हैं। शहर में मलेरिया ने भी दस्तक दे दी है। बावजूद इसके फॉगिंग नहीं कराई जा रही है, जबकि नपा व मलेरिया विभाग के पास मच्छरों से निपटने के लिए 7 फॉगिंग मशीन हैं जो स्टोर में रखी धूल खा रही हैं।

बीते रोज मिले मलेरिया के मरीज रघुवीर पाल का कहना है कि गर्मियों के मौसम में पनपे मच्छरों का सफाया करने के लिए शहर के 39 वार्डों में बीते दो माह से फॉगिंग नहीं की गई है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि नगरपालिका एवं मलेरिया विभाग ने समय रहते वार्डों में बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों का सफाया करने फॉगिंग एवं दवा छिड़काव नहीं किया तो बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी डेंगू व मलेरिया लोगों की जान ले सकता है।

विभागों की खींचतान में आमजन परेशान

नपा एवं मलेरिया विभाग की आपसी खींचतान की वजह से आमजन परेशान हैं। मलेरिया विभाग के अफसरों का कहना है कि उनका काम अंचल में फॉगिंग एवं दवाई का छिड़काव का है। शहरी क्षेत्र में फॉगिंग एवं दवाई छिड़काव का काम नपा का है। वहीं नपा के अधिकारियों का तर्क है कि मलेरिया विभाग को बनाया ही इसीलिए गया है कि वह जिलेभर में फॉगिंग करें। अगर उन्हें सहायता की जरूरत है तो लिखित में सूचना दें। हम नपा के कर्मचारी उन्हें सहयोग के लिए दे देंगे।

नपा पर एक व मलेरिया विभाग पर 6 फॉगिंग मशीन

मलेरिया विभाग एवं नगर पालिका के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है। नपा के पास 2 फॉगिंग मशीन है, जिसमें 1 मशीन खराब है। मलेरिया विभाग के पास 6 फॉगिंग मशीनें हैं। इसके बावजूद शहरी एवं अंचल क्षेत्र में मच्छरों का सफाया करने के लिए फॉगिंग एवं दवाई का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। शहर के वार्ड 1, 2, 3, 6, 7, 8, 36 एवं फिजिकल, लालघाटी, पुरानी शिवपुरी, दर्पण कॉलोनी, सहीश पुरा, कमला गंज, मनियर, कस्टम गेट, पुनि लाइन, इमाम बाड़ा आदि इलाकों में फॉगिंग न होने से मच्छर पनप रहे है।

प्रकोप लोगों को परेशान कर रहा है

हमारे इलाके में एक साल से फॉगिंग नहीं हुई है, सफाई कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से लगे गंदगी के ढेरों में मच्छर पनप गए हैं। समय रहते मच्छरों की समस्या का समाधान नहीं निकला तो बच्चों को खतरा ज्यादा हो जाएगा।
रवि खटीक, निवासी इमामबाड़ा