दिनारा। शिवपुरी जिले के ग्रामीण अंचल मे स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर मरीजों की जान से खेला जा रहा है। सरकारी अस्पताल में पदस्थ एक नर्स ने डिलीवरी के केस में कमीशन के चक्कर मे प्रसूता को प्राइवेट अस्पताल में भेज दिया,जहां प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि विवाद से बचने के लिए डॉक्टर मृत नवजात को बाइक से झांसी ले गया,झांसी मे डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने इस मामले को लेकर दिनारा थाने मे शिकायत दर्ज कराई है। जहां पुलिस ने मर्ग कायम कर नजवाज के शव को पीएम के लिए भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार निवासी चिरली थाना करैरा के रहने वाले साहब सिंह राजपूत ने बताया कि मेरी पत्नी मिथलेश राजपूत उम्र 24 साल प्रेग्नेंट थी और बीते रोज मंगलवार 16 अप्रैल को उसको प्रसव पीड़ा होने लगी। जिसके चलते मिथलेश को दिनारा के उप स्वास्थ्य केन्द्र पर भर्ती कराया था। उप स्वास्थ्य केन्द्र पर हेमलता गोगे नर्स मिली,नर्स ने मिथिलेश को चेक किया और उसके रिपोर्ट,अल्ट्रासाउंड देखा और वह बोली कि तुम अपनी पत्नी को जिला अस्पताल लेकर चले जाओ। हमने कहा कि क्यों तो वह बोली कि तुम्हारी पत्नी की डिलीवरी टाइमिंग ज्यादा हो गया 7 दिन ज्यादा निकल गये।
नर्स हेमलता बोली कि जिला अस्पताल जाओंगे तो देर हो जाएगी तो तुम दिनारा के पीताम्बरा पॉली क्लीनिक पर ले जाओं जहां पर डॉक्टर मोहित यादव मिलेंगे,और वहां अच्छे से डिलेवरी हो जायेगी। जिसके चलते हम मिथलेश को पीताम्बरा पॉली क्लीनिक पर ले गये। जहां डॉक्टर मोहित यादव बोले कि 15 हजार रुपये लगेंगे। हमने कहा ठीक हैं जिसके बाद 6 से 7 घंटे डॉक्टर मोहित यादव ने मेरी पत्नी को वहां पर भर्ती करके रखा और मेरी पत्नी वहां पर दर्द से तड़प रही थी तब हमने डॉक्टर से बोला कि हम तो उसे दूसरे अस्पताल ले जाते हैं आज छुट्टी कर दो,लेकिन डॉक्टर ने कहा कि 1 घंटे और रुक जाओ।
जिसके बाद मेरी पत्नी की डिलीवरी हो जाती हैं और उसने मृत बच्चे को जन्म दिया। वहीं डॉ मोहित यादव बोले कि बच्चा कमजोर हैं इसे झांसी के अस्पताल से जाना पड़ेगा। और फिर डॉक्टर बाइक पर बच्चे को झांसी के एक प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुचे जहां डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। साहब सिंह यादव ने बताया कि डॉक्टर की घोर लापरवाही के कारण मेरा बच्चा इस दुनिया में नहीं रहा,नर्स अगर प्राइवेट अस्पताल में नहीं भेजती तो शायद आज मेरा बच्चा सही सलामत होता।