शिवपुरी। 33 करोड़ देवी-देवताओं का चलता-फिरता मंदिर इस पृथ्वी पर केवल गौ माता है। बीमार के लिए अस्पताल, भक्त के लिए भगवान तथा शिष्य के लिए गुरु है गौ माता। गौ की महानता की हद तो स्वयं राम-कृष्ण भी तय नहीं कर सकते। जो गौ माता की सेवा करते हैं, वे संस्कारी बनते हैं। यह बात जिला कोषाध्यक्ष सक्षम जैन चैत्र नवरात्रि के पावन मौके पर मां राजराजेश्वरी के दर्शन कर दादाजी स्वर्गीय सेठ बचनलाल जैन की स्मृति में पशु रक्षक संघ को गौमाता की सेवा के लिए वाहन भेंट स्वरूप दिया।
कोषाध्यक्ष सक्षम जैन ने बताया कि उनके दादाजी स्व. बचनलाल जैन ने अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से समाज मे एक प्रतिष्ठित स्थान बनाया। उनके फर्श से अर्श तक का सफर ईमानदारी की एक जीवंत मिसाल है। उन्होंने मूल्य आधारित जीवन न केवल खुद जिया बल्कि पूरे परिवार को इस रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी। सादा जीवन उच्च विचार, संवेदनशीलता, दया, करुणा और अहिंसा जैसे मानवीय गुण उनके व्यक्तित्व में कूट कूट कर भरे थे। सहजता और निरहंकारिता की बदौलत वह सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में वह बहुत लोकप्रिय रहे। जीवों और गौ सेवा में भी उनकी गहन रुचि थी। उनकी संवेदनशीलता के अनेक उदाहरण है।
जैन ने कहा कि उनके पूज्यनीय दादाजी को सच्ची श्रद्धांजलि यही हो सकती है कि उनके बताए हुए सामाजिक, धार्मिक एवं मानवीय कार्यों को उसी लगन, प्रेरणा और उत्साह के साथ आगे बढ़ाएं। इसी भावना के साथ आज यह वाहन पशु रक्षक संघ को भेंट किया है।