SHIVPURI NEWS - स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटिलेटर पर,ग्रामीण क्षेत्रों में लटके ताले, संविदा स्वास्थ्य ​कर्मियों की हड़ताल

Bhopal Samachar

काजल सिकरवार @ शिवपुरी। शिवपुरी जिले के 400 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी मांगें पूरी ना होने पर हड़ताल पर हैं बता दें कि पिछले 2 दिन यानी की बीते मंगलवार से कर्मचारी हड़ताल पर है। आज हड़तालियों ने तात्या टोपे पार्क में सुंदरकांड का आयोजन भी किया था। कर्मचारियों का हड़ताल पर बैठने से शहर में स्वास्थ्य सेवाओं में कमी आनी शुरू हो गई है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद उप स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हुए हैं लोगों को इलाज के लिए इधर से उधर भटकना पड़ रहा हैंं। वहीं इतनी भयंकर गर्मी में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है,ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार लोगों को तहसील मुख्यालय या जिला अस्पताल तक आना पड रहा है।

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी डॉ.अखिलेश शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकारी शिवराज जी से समय भी थी और और डॉ मोहन यादव जी के समय भी हैं भारतीय जनता पार्टी की सरकार को जनता ने और हम स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मिलकर पहुंचाया,पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हमारे लिए एक नीति तय की थी उसमें हमारी जो आठ मांगे थी उनको स्वीकार किया था,लेकिन आज वह परिस्थितियों क्यों परिवर्तित दिखाई दे रही हैं,कि जो संविदा नीति जो उन्होंने लागू की थी आज उसको पलट कर दिया हैं हमारी 8 मांगे यह थी—

1.प्रतिवर्ष अनुबंध प्रक्रिया होगी समाप्त
2.नेशनल पेंशन स्कीम का मिलेगा लाभ
3.वेतन 100 प्रतिशत मिलेगा
4.स्वास्थ्य बीमा का मिलेगा लाभ
5.अनुकंपा नियुक्ति का लाभ
6.रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी
7.नियमित पदों पर भर्ती में 50% आरक्षण
8.नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश
9.मातृत्व अवकाश भी नियमित कर्मचारी की तरह मिलेगा
10.आंदोलन के समय कटा हुआ वेतन होगा वापस
11.आंदोलन के दौरान दर्ज मामले होंगे वापस

भरे मंच से की थी घोषणाऐं,लेकिन डॉ. मोहन यादव के आते से ही सब ध्वस्त
यह थी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार की बड़ी सौगात,वहीं भरी स्टेज से शिवराज जी ने यह बड़ी घोषणाएं की थी,लेकिन वर्तमान स्थिति में सरकार ने जो पूरी की पूरी घोषणाऐं की थी जो 4 जुलाई 2023 को वह सारी योजनाएं सारी घोषणाएं ध्वस्त करके,आज एक ऐसी संविदा नीति हम पर लागू कर दी है कि जिसे स्वीकार करने में एक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी की आत्मा रो बैठती हैं हम यह जानते हैं कि हम संविदा कर्मचारी हैं और हमारी सेवाएं स्वास्थ्य विभाग के प्रति आम आदमी के प्रति हैं और आज आम आदमी हमारी सेवाएं ना देने के कारण दर दर भटक रहा हैं,परेशान हो रहा हैं। और इस सबसे लिए निश्चित रूप से दोषी मध्य प्रदेश की सरकार हैं,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हैं हम सरकार से और मिशन से यह निवेदन करना चाहते हैं कि हम कर्मचारियों की ओर देखते हुए उन आम जनता की ओर देखें,जो हमारी सेवाएं बाधित होने के कारण आज दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

स्थाई कर्मचारियों की तरह हमें भी मिलनी चाहिए सुविधाएं,हमारे भी बच्चे हैं
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने एक शुरू में कहा कि 20-20 साल से हम स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रहे हैं,लेकिन हमारा भी परिवार हैं उसकी ओर सरकार का ध्यान नहीं हैं,एक बार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमारी ओर देखने का प्रयास एक बार किया था,जिसपर की वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने आंखें मूंद ली हैं,देखें कि हमारे भी परिवार हैं,हमारे भी बच्चे हैं उन्हें भी जो स्थाई कर्मचारी हैं उनकी तरह सुविधाएं मिलनी चाहिए।

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष शेर सिंह रावत ने कहा कि हमारी यह हड़ताल 22 अप्रैल से चल रही हैं इससे पहले भी हमने 16 अप्रैल को हड़ताल की थी,जिसमें सभी जिला मुख्यालय पर हमने रैली निकालकर कलेक्टर महोदय को एक ज्ञापन भी दिया था। जो हमारी यह हड़ताल हैं यह 4 जुलाई को उस समय के जो मुख्यमंत्री थे वह शिवराज सिंह चौहान जी थे,माननीय मुख्यमंत्री जी ने संविदा संघ की एक महापंचायत बुलाई थी महापंचायत में हमारे लिए जो घोषणाऐं की थी उसमें सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 जुलाई 2023 को एक पॉलिसी जारी की थी और उस पोलिशी में जो हमारी आठ मांगे थी।

उन्हें स्वीकार किया गया था तथा पोलिशी में सामान्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिखकर भी दिया गया था कि हमारी जो सुविधाएं दी गई थी। सभी मांगों को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नीति दी,नीति में लागू किया गया था। उसके बाद हमारा शासन,प्रशासन 2 साल तक मौन रहा,हमारा जो विभाग हैं वह बहुत सॉफ्ट कॉर्नर हैं वह सॉफ्ट विभाग हैं। वो गरीबों,ग्रामीण लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम करता हैं,लेकिन शासन, प्रशासन वो नहीं चाहता की,सुविधा उपलब्ध हो।

पत्र देकर कराया था अवगत-नहीं माना प्रशासन,
पूरे मध्यप्रदेश में 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं और शिवपुरी जिले हमे 444 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं,तथा सभी स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर बने हुए हैं,स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद स्वास्थ्य सेवायें बिगड़ी हुई हैं। इससे पहले 7 मार्च को हमने भोपाल में मीटिंग में डिसाईट किया था और 7 मार्च को हमने विरोध किया था पत्र लिखकर प्रशासन को अवगत कराया था,उसके बाद हमने 16 तारीख को रैली निकालकर पुतला जलाते हुए हमने विरोध जताया था वहीं हमने कलेक्टर महोदय ज्ञापन दिया था कि हमारी कुछ मांगे मांगी जाये,उसके बाद भी हमारे मांगे नहीं मांगी गई। और 22 अप्रैल से हम हड़ताल पर बैठे हुए हैं। वहीं हमारे आरबीआई के चिकित्सक हैं,ग्रामीण क्षेत्र में जो 6 माह से 15 साल,18 साल तक के जो बच्चे हैं वह डॉक्टर हमारे साथ हैं।

गर्भवती महिलाओं और बच्चों का नहीं हो पा रहा टीकाकरण
अरवन एएनएम रेखा रजक ने बताया कि हम गर्भवतियों का टीकाकरण करते हैं जो हमारे हड़ताल पर बैठने से बिल्कुल ठप बैठ गया हैं। हम लोग पूरा फील्ड का देखते हैं बच्चों,गर्भवतियों का टीकाकरण करते हैं तो वह नहीं हो पा रहा है,समय पर उनकी अब ऑनलाइन एंट्री नहीं होगी। जिससे बहुत कार्य प्रभावित होगा। और उनके एएनसी चेकअप नहीं हो पाएंगे,ग्रामीण क्षेत्रों में भी उप स्वास्थ्य केन्द्र बंद पड़े हुए हैं। अरवन में 25 एएनएम हड़ताल पर हैं और 8 एएनएम हैं जो परमानेंट हैं वह काम कर रही हैं,स्टाफ कम होने से पूरा काम प्रभावित हो रहा हैं। प्रशासन से निवेदन हैं कि हमारी मांगे पूरी की जाये।