शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका के सफाई कर्मियों का हडताल का 4 दिन था,इसलिए पूरा शहर अब कूडादान बन चुका है। सफाई कर्मचारी अपनी 25 मांगों को लेकर झाड़ू का त्याग कर अपनी जिद पूरी कराने को काम बंद कर बैठे हैै। आज इस हड़ताल को लेकर नगर पालिका में एसडीएम उमेश कौरव नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा सीएमओ इशांक धाकड और बाल्मिक समाज के वरिष्ठ नेता कमल कोडे और सफाई कर्मचारियों के अध्यक्ष संतोष कोडे के बीच लगभग डेढ़ घंटे वार्ता चली लेकिन वार्ता का कोई निष्कर्ष नहीं निकला और सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखने की बात की कही।
नगर पालिका के सफाई कर्मचारी पिछले 4 दिन से हड़ताल पर है इस कारण शहर कूडादान में कन्वर्ट होता जा रहा है। आज सुबह जब व्यापारी अपनी दुकान खोलने पहुंचे तो उनकी दुकानों के आगे गंदगी के ढेर लगे थे,इस कारण अधिकांश व्यापारियो ने अपनी दुकानों के आगे सडको को साफ किया। प्रशासन पर इस हड़ताल को खत्म कराने के लिए प्रेशर बन रहा है।
इसी क्रम में आज प्रशासन एसडीएम उमेश कौरव,नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा,सीएमओ इशांक धाकड़ एंव वाल्मीकि समाज के वरिष्ठ नेता कमल कोडे सहित सफाई कर्मचारियों के अध्यक्ष संतोष कोडे के बीच नगर पालिका शिवपुरी में दोपहर 3 बजे इस हड़ताल को लेकर बैठक चली,प्रशासन ओर हड़ताल कर्मियों के नेताओं के बीच चली यह वार्ता लगभग डेढ़ घंटे चली और वह बेनतीजा रही।
यह बोले एसडीएम उमेश कौरव
सफाई कर्मचारी अपनी मांगो लेकर हड़ताल पर है। इस इनके साथ बैठकर बातचीत हुई है इनके कुछ फायनेसियल इश्यू है इनकी समिति बनाकर इनका निपटारा किया जाएगा जो पात्र है उनको लाभ मिलेगा। वही 6 घंटे के काम का बोल रहे है लेकिन नियमानुसार 8 घंटे काम करना होता है। इसी तरह प्रत्येक बिंदु पर बातचीत हुई है। कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है। कोई भी डिमांड एक दम पूरी नही होती है सरकारी प्रक्रिया करने मे समय लगता है।
सीएमओ ने कहा कि बी प्लान तैयार नही है।
अभी तो बातचीत हुई है उसमें निर्णय नहीं निकला है,फिर बातचीत का प्रयास करेगें। हड़ताल जो हो रही है उसका प्रभाव अवश्य शहर पर पड रहा है। कर्मचारियों के विकल्प पर सीएमओ ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों का विकल्प नहीं है,और ना ही हमारे पास किसी भी प्रकार का फिलहाल बी प्लान तैयार नही है।
कुल मिलाकर आज की वार्ता किसी भी दिशा मे नही गई। हड़ताल कर्मचारियों की जो मुख्य मांग है वह यह है कि 01 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त जो कर्मचारी हैं जिनका विभाग द्वारा एन.पी.एस. काटा जाता है उनकी एन.पी.एस. की राशि एन.पी.एस. विभाग को अभी तक नहीं भेजी है इसलिए नियुक्ति दिनांक से अभी तक काटी हुयी एन.पी.एस. की राशि एवं विभाग के द्वारा दिलाई जाने वाली राशि और 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक ब्याज दर से एकमुश्त नकद भुगतान सभी 2005 से नियुक्त कर्मचारियों को किया जाए। क्योंकि भारत सरकार के द्वारा 1 अप्रैल से यू.पी.एस. योजना लागू कर दी गई है,कुल मिलाकर यह राशि करोडो रूपए मे जोडी जा रही है और नगर पालिका की वित्तीय स्थिति वेंटिलेटर पर है इस कारण यह हड़ताल अब लंबी चलते दिख रही है।