शिवपुरी। स्वास्थ्य का विषय संवेदनाओं से भरा होता है लेकिन शिवपुरी के बदनाम मेडिकल कॉलेज में सबसे पहले संवदेनाओ की ही हत्या कर दी,कुछ ऐसा ही मामला बीते रोज डीएच की चौखट पर देखने को मिला,लगातार अपनी उपलब्धि से भरा प्रेस नोट भेजने वाले मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने किडनी डायलिसिस वाले एक आदिवासी मरीज को भगा दिया। इस मरीज को जिला अस्पताल ने मेडिकल कॉलेज को रेफर किया गया था।
इस आदिवासी की पत्नी किसी तरह जिला अस्पताल वापस आ गई और अपने पति को लेकर अस्पताल की चौखट तक आ गई लेकिन उसकी अंदर जाने की हिम्मत नहीं हुई,जमीन पर पडे गंभीर मरीज को देखकर जब मीडिया सक्रिय हुई उसके बाद डीएच प्रबंधन ने इस गंभीर मरीज को भर्ती कर उपचार शुरू किया।
जानकारी के अनुसार चकराना पोहरी निवासी अजय सिंह पुत्र मंटा आदिवासी उम्र 45 साल की किडनी खराब हो गई हैं। उसकी पत्नी मीना ने उसका उपचार जयपुर, कोटा, ग्वालियर सभी जगह करवाया, परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ। वर्तमान में उसका उपचार शिवपुरी में ही चल रहा है। इसी क्रम में 16 अप्रैल को अजय को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जिला अस्पताल में उसकी डायलिसिस की गई और उपचार जारी था।
इसी क्रम में 19 अप्रैल को अजय के सीने और पेट में तेज दर्द होना शुरू हो गया। उसकी तबीयत गंभीर होती देख अच्छे उपचार के लिए जिला अस्पताल से मरीज को शिवपुरी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कालेज के स्टाफ ने लापरवाही बरती और मरीज को बिना कोई उचित उपचार प्रदान किए, वहां से यह कहकर भगा दिया कि अब आप घर जाओ। अजय और उसकी पत्नी मीना ने उनसे गुहार लगाई लेकिन उन्होंने कहा कि किडनी पेशेंट के पेट और सीने में दर्द होता रहता है आप इसे यहां से ले जाओ।
मीना किसी तरह लोगों से पैसे लेकर मरीज को टैक्सी से जिला अस्पताल तक लाई लेकिन उसे अंदर ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। अजय सिंह अस्पताल की चौखट पर डला हुआ दर्द से तड़पता रहा। इसी दौरान किसी राहगीर ने मामले की सूचना मीडिया ने सीएमएचओ डा. संजय ऋषिश्वर को दी, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को सूचित कर मरीज को भर्ती करने के निर्देश दिए। सीएमएचओ के निर्देश पर अस्पताल का स्टाफ मरीज को उपचार के लिए जिला अस्पताल के अंदर ले गया।
यह मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान
में लाया गया है, मैं इसे दिखवाता हूं कि रेफर होकर आए मरीज को भर्ती क्यों नहीं किया गया। अगर उसे घर जाने की सलाह दी गई तो क्यों और उसे एम्बुलेंस क्यों उपलब्ध नहीं करवाई गई।
डॉ. आशुतोष चौऋषि, अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज, जिला शिवपुरी।