शिवपुरी। जिले में नल जल मिशन का काम 5 साल बाद भी 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुताबिक 218 गांवों में काम पूरा हो चुका है। हालांकि इनमें भी 35 गांव ऐसे हैं, जहां पर हैंडओवर, मोटर शिफ्टिंग सहित कई समस्याओं के चलते पेयजल की दिक्कत बनी हुई है। यहीं 318 गांवों में तो अब तक नल से जल नहीं का इंतजाम नहीं हुआ है। यदि काम निर्धारित समय में पूरा हो गया होता तो शायद गर्मियों में ग्रामीण इलाकों के निवासियों को पेयजल समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
गर्मी के तेवर तीखे होते ही ग्रामीण अंचल में पेयजल समस्या गर्माने लगी है। प्रशासन के तमाम दावे कागजी साबित हुए हैं। हालत ये है कि मोहारा गांव के लोगों को 400 रुपये माह पर पानी एक निजी बोर से खरीदना पड़ता है। जबकि यहां पर नल जल योजना के तहत दो पानी की टंकियां भी बनाई गई है, घरों में नल के कनेक्शन भी हो चुके हैं। साथ ही यहां हैंडपंप भी लगा हुआ है, लेकिन वाटर लेवल कम हो जाने के कारण कभी इसमें पानी आता है तो कभी नहीं। इसके चलते वहां के निवासियों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार की स्थिति का सामना सतनचाड़ा गांव के निवासी भी झेल रहे हैं। लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। पेयजल समस्या को लेकर महिलाओं ने बीते रोज कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कलेक्टर से पेयजल समस्या के समाधान की गुहार भी लगाई थी।
गर्मियों के पहले नहीं दे सके पानी केंद्र सरकार ने 15 अगस्त 2019 को नल जल मिशन की शुरुआत की थी। इसमें शिवपुरी जिले के 536 गांवों में नल से जल पहुंचाने की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सौंपी गई थी। विभाग को इसके लिए 250 करोड़ का बजट मिला था। खास बात ये है कि 5 साल में विभाग 218 गांवों में नल से जल पहुंचाने में कामयाब हुआ है। कुल मिलाकर अभी 50 प्रतिशत काम भी नहीं हुआ है। सूत्रों की मानें तो बजट को लेकर समस्या बनी हुई है। जिसकी वजह से काम की रफ्तार बीच में धीमी हो गई थी।
इसी वजह से काम पूरा होने में समय लग गया था। 318 गांवों में अब भी नल कनेक्शन पहुंचना बाकी हैं। इसमें कई 500 से कम आबादी वाले ऑर्डर कुछ इससे अधिक आबादी वाले गांव भी हैं। ऐसे में हर गांव में पानी की टंकियां नहीं बनाई जा रही है, कुछ गांवों में बोर के जरिए पानी सप्लाई किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जिन गांवों में अब तक नल जल योजना का काम नहीं हुआ है, वहां हैंडपंप के जरिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। जिन गांवों में ग्राउंड वाटर लेवल कम है, वहां पर सिंगल फेस कनेक्शन के जरिए पानी का इंतजाम किया जा रहा है।
35 गांवों में कनेक्शन फिर भी दिक्कत 218 में से 35 गांवों में अब भी पानी को लेकर समस्या बनी हुई है। क्योंकि विभाग ने बोर या टंकी बनाकर पाइप लाइन तो बिछा दी है, लेकिन मोटर शिफ्टिंग या अन्य काम संबंधित एजेंसियों को ही करना है। इसके अलावा पुरानी लाइन को जोड़ने का काम भी संबंधित एजेंसियों का ही है। पीएचई को काम करने के बाद ग्राम पंचायतों को हैंडओवर करना है, इसमें भी दिक्कत आ रही है। ऐसे में इन गांवों में अब भी पानी को लेकर परेशानी बनी हुई है।
विभाग को 536 गांवों में नल से जल
पहुंचाना था. हम 218 गांवों में अब तक काम पूरा कर चुके है। इसमें कुछ छोटे और कुछ बड़े गांव भी शामिल है। कुछ जगह टंकियां बनाई है तो कुछ स्थानों पर बोर के जरिए पानी सप्लाई किया जा रहा है। जिन गांवों में काम अभी नहीं हुआ है, वहां पर हैंडपंप या सिंगल फेज कनेक्शन के जरिए पानी का इंतजाम किया जा रहा है। पानी का संकट न हो इसके लिए हमने तमाम जरूरी इंतजाम किए हैं। एलपी सिंह, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग शिवपुरी।