शिवपुरी। शिक्षा विभाग ने पूर्व में दिव्यांग शिक्षकों की दिव्यांगता पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाली शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए, जिले में पदस्थ 31 दिव्यांग शिक्षकों की हड्डी व आंख संबंधी दिव्यांगता की जांच के लिए बुधवार को जिला अस्पताल में दिव्यांग बोर्ड के माध्यम से उनकी जांच करवाई।
जिन 31 शिक्षकों को अपनी दिव्यांगता संबंधी जांच करवानी थी, उनमें से 25 शिक्षक तो जांच करवाने के लिए बोर्ड के समक्ष उपस्थित हुए। छह शिक्षक उपस्थित नहीं हुए। देर शाम तक स्क्रूटनी कार्य चलने के चलते फिलहाल अनुपस्थित रहे शिक्षकों ने नाम सामने नहीं आ सके हैं। आज चार आंखों संबंधी दिव्यांग शिक्षक पहुंचे, शेष 21 हड्डी से संबंधित शामिल थे।
इन शिक्षकों का होना था दिव्यांगता परीक्षण
रेखा मढरया, रणवीर सिंह राजपूत, बृजभान सिंह राजपूत, राइन लकड़ा, विजय कुमार राव, दुर्गेश दीक्षित, बलवीर सिंह, तेज प्रताप जादौन, राकेश शर्मा, विनेश शाक्य, रवि कुमार रजक, जितेंद्र सिंह दिवाकर, रामस्वरूप धाकड़, प्रताप सिंह धाकड़, रोशन लाल जाटव, कमलेश वंशकार, अनिल वैरागी, रामू प्रजापति, मनोज उपाध्याय, नासिर खान, महेश कुमार शाक्य, अंजली शर्मा, रेखा किरार, धर्मेन्द्र शर्मा, पंकज शर्मा, गजराज सिंह सिसौदिया, गीता योगी, राघवेंद्र सिंह गौड़, शिवकुमार गुप्ता, अरविंद भार्गव, रूप सिंह कुशवाह।
वहीं दिव्यांगता परीक्षण कराने पहुंचे शिक्षकों का कहना था कि यहां जांच के लिए हमें बुलवाया गया है, परंतु हमारे बैठने तक का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। हम पहले ही दिव्यांग हैं, हमारी सुविधा का ख्याल तो रखना था। इस संबंध में शिक्षिका गीता योगी ने बताया कि में अछरौनी खनियाधाना से परीक्षण के लिए आई थी। मुझे दोनों पैरों की दिव्यांगता है। मेरा एक बार पहले भी परीक्षण हुआ था। उस समय भी मुझे दिव्यांग माना था। अब दोबारा से करवाया जा रहा है।