SHIVPURI NEWS - बनेगा परमाणु पवार, स्वीकृत 2800 मेगावाट का ऊर्जा संयंत्र,पढिए खबर

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले के नरवर क्षेत्र में स्थित मडीखेडा डैम के समीप स्थित भीमपुर गांव में अब शिवपुरी को एक नई पहचान देने वाला 2800 मेगावाट का परमाणु परमाणु ऊर्जा संयंत्र को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। 28 मार्च 2025 को जारी आधिकारिक पत्र में यह जानकारी दी गई है। जिसे न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक को भेजा गया है।

सबसे पहले पढ़िए भीमपुर गांव क्यों

बताया गया है कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए जिन प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता होती है, वे इस क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। ठंडा और स्थिर मौसम, साथ ही पर्याप्त जल स्रोत। ये दोनों ही कारक भीमपुर को इस परियोजना के लिए उपयुक्त बनाते हैं। मड़ीखेड़ा डैम में साल भर भरपूर पानी रहता है, जो परमाणु संयंत्र को संचालित करने के लिए बेहद जरूरी है,वही फोरलेन के समीप है और ग्वालियर और शिवपुरी से रेलमार्ग भी उपलब्ध है। वही ग्वालियर में हवाई जहाज सुविधा है और शिवपुरी में भी जल्द ही हवाई अड्डे का निर्माण हो रहा है।

मड़ीखेड़ा डैम के पानी से चलेगा संयंत्र

शिवपुरी में बनने वाले इस संयंत्र के संचालन के लिए आवश्यक जल आपूर्ति मड़ीखेड़ा डैम से की जाएगी। इसके लिए 120 एमसीएम वाटर बैराज और 40 एमसीएम बैलेंसिंग रिजर्व वेल की योजना भी तैयार कर ली गई है। परमाणु ऊर्जा विभाग ने इस दिशा में प्रारंभिक सर्वे और जमीन चिन्हांकन का कार्य पूरा कर लिया है।

चार यूनिट में होगा बिजली उत्पादन

परियोजना के तहत 700-700 मेगावाट क्षमता के चार यूनिट लगाए जाएंगे। यह संयंत्र मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा। इसके लिए NPCIL को प्री-प्रोजेक्ट गतिविधियां शुरू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। 28 मार्च को जारी एक आधिकारिक पत्र में इसकी जानकारी दी गई थी। जो अब सामने आया है।

प्रदेश में चार जिलों में प्रस्तावित हैं परमाणु परियोजनाएं

मध्यप्रदेश में अभी कोई सक्रिय परमाणु संयंत्र नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार ने चार जिले शिवपुरी, मंडला, देवास और नीमच में परमाणु परियोजनाएं स्थापित करने की योजना बनाई है। मंडला के चुटका गांव में 1400 मेगावाट क्षमता का संयंत्र प्रस्तावित है। वहीं, शिवपुरी में भूमि चयन और तकनीकी सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। जबकि अन्य जिलों में अभी सर्वे और परीक्षण का कार्य चल रहा है।

प्रदेश बनेगा ऊर्जा आत्मनिर्भर

यह परमाणु ऊर्जा परियोजना न केवल मध्यप्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि राष्ट्रीय ऊर्जा नेटवर्क को भी मजबूती देगी। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि अगले 2 से 3 सालों में निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा। इससे स्थानीय रोजगार, आधारभूत विकास और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में व्यापक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

सिंधिया ने दिए थे संकेत

बता दें कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हाल ही में अपने दौरे पर शिवपुरी को एक बड़ा उद्योग देने की घोषणा कर चुके है। हालांकि उन्होंने उद्योग के बारे में नहीं बताया था। उन्होंने कहा था कि पुलाव पक रहा है, पकने दो।

उत्तर प्रदेश के नारोरा को भी मिली नई यूनिट की मंजूरी

जारी आधिकारिक पत्र के अनुसार, शिवपुरी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के नारोरा में भी दो नए परमाणु ऊर्जा यूनिट्स की मंजूरी दी गई है। यहां पहले से मौजूद साइट पर नए यूनिट जोड़े जाएंगे। इससे उत्तर भारत में परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बल मिलेगा।