शिवपुरी। नगर पालिका द्वारा मेडिकल कालेज के पीछे स्थित 150 करोड़ रुपये की जमीन की महज 30 करोड़ रुपये में बेचने का ताना बाना बुनने के मामले में लोकायुक्त ग्वालियर ने पोआइसी सदस्यों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस देकर तलब किया है। नगर पालिका परिषद के सभी पीआइसी सदस्यों को लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर द्वारा भेजे गए नोटिस में उल्लेख है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कलेक्टर शिवपुरी द्वारा नगर पालिका को आवंटित भूमि के विक्रय में भ्रष्टाच्छर की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय भोपाल से जांच के लिए प्राप्त हुई है।
शिकायत के संबंध में अगर आप कुछ कहना चाहते हैं तो 21 अप्रैल 2025 को सुबह 11 बजे कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। नोटिस में इस बात का भी उल्लेख है कि उक्त दिनांक को अगर आपका जवान प्रस्तुत न होने पर यह माना जाएगा कि आपको आपके विरुद्ध हुई उक्त शिकायत के संबंध में कुछ नहीं कहना है। प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई प्रतिवेदन भेज दिया जाएगा। उक्त नोटिस लोकायुक्त संगठन की संभागीय सतर्कता समिति अध्यक्ष सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश अरुण सिंह तोमर की तरफ से जारी किया गया है।
एडवोकेट विनय तिवारी ने शिकायत में उल्लेख किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के एएचपी योजना (भागीदारी में किफायती आवास) के लिए कलेक्टर शिवपुरी द्वारा भूमि सर्वे क्रमांक 462, 464. 465, 466, 467, 468, 471, 472, 473, 492. कुल रकवा 12.117 हेक्टेयर अर्थात लगभग 13 लाख वर्ग फीट भूमि का आवंटन नगर पालिका परिषद शिवपुरी को किया था। नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा उक्त भूमि का नक्शा भी नगर तथा ग्राम निवेश से स्वीकृत करा लिया था। उक्त भूमि का तत्समय विक्रय मूल्य भी 700 रुपये प्रति वर्ग फीट निर्धारित किया गया था।
नियमानुसार कुल भूमि 13 लाख वर्ग फीट में से 25 प्रतिशत भूमि अर्थात लगभग 9.25 लाख वर्ग फीट भूमि भूखंड के रूप में नपा परिषद शिवपुरी को विक्रय करनी थी, परंतु नपा ने जमीन पर प्लाट विक्रय करने की बजाय पीआइसी में प्रस्ताव पास कर उक्त जमीन 150 करोड़ रुपये कीमत की भूमि को नगर पालिका ने वीनम ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड को महज 30 करोड़ रुपये में दिए जाने की रूपरेखा तैयार कर ली है।
एडवोकेट विजय तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा है कि इस जमीन की मूल्य निर्धारण का क्या आधार था। उक्त प्रकरण नपा परिषद की आमसभा में क्यों नहीं रखा गया। क्योंकि नियमानुसार पीआइसी को 40 लाख रुपये की स्वीकृति का अधिकार है। शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि निविदा विज्ञप्ति भी छोटे-मोटे समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई गई।
मामले की जांच चल रही है. उक्त
शिकायत के संबंध में नगर पालिका की पीआइसी के सदस्यों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है। बृजमोहन नरवरिया, टीआई लोकायुक्त।