पिछोर। पिछोर विधानसभा के भौंती कस्बे में संचालित 11 मूंगफली दाना मिल अवैध पाए गए हैं। स्थानीय व्यक्ति ने अवैध मिलों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट के फैसले पर पिछोर एसडीएम ने गुरुवार को आदेश जारी कर सभी मिल बंद कराने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक भौंती निवासी उपेंद्र भार्गव पुत्र मोहन भार्गव ने कस्बे में संचालित 11 मूंगफली दाना मिलों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ग्वालियर ने 9 दिसंबर 2024 को फैसला सुनाया। इसी कोर्ट फैसले पर पिछोर एसडीएम शिवदयाल धाकड़ ने 24 अप्रैल को कार्रवाई का आदेश दिया है। याचिकर्ता उपेंद्र का तर्क था कि मूंगफली दाना मिलों के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो रहीं हैं। ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। खेतों में फसल पर धूल बैठने से खराब हो जाती है। धूल के कण की मात्रा अधिक होने से बच्चे, बूढे, अस्थमा, एलर्जिक मरीजों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर पिछोर एसडीएम ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
इन व्यापारियों के मिल बंद कराने के आदेश
व्यापारी सुनील नगरिया का सिरसौद पिछोर रोड भौती स्थित मां भवगती ट्रेडर्स मिल, बंदना नगरिया का मां कैला देवी ट्रेडर्स महोबा रोड पर अशोक लोधी का अमरनाथ ट्रेडर्स, दीपक गुप्ता का दीपक ट्रेडर्स, परमानंद साहू का खुशी ट्रेडर्स, रामप्रकाश साहू का शिवा ट्रेडर्स, जितेंद्र साहू का बैष्णवी ट्रेडर्स, अशोक लोधी का हरिशंकर अशोक कुमार, गुड्डूकंथस्पिया का नंदनी ट्रेडर्स, भयावन रोड पर रमेश अग्रवाल का श्री कृष्णा एंड संस और सेंट्रल बैंक के पास गौती में गौरव गोयल के मिल बंद होंगे। एसडीएम ने नायब तहसीलदार भौती और थाना प्रभारी को आदेश दिए हैं कि संयुक्त दल बनाकर संचालित मूंगफली दाना मिल को नियम अनुसार पंचनामा तैयार कर बंद करने की कार्रवाई करें।
मिल संचालन के दस्तावेज नहीं दे पाए
मिलों का संचालन मप्र शासन की गाइड लाइन अनुसार सभी विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र अनिवार्य है। लेकिन किसी भी मिल मालिक ने इस संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए। लघु उद्योग संचालित करने के लिए स्थान विशेष का निर्धारण व अनुमति के संबंध में पंचायत से तत्समय नहीं ली। इसका भी कोई दस्तावेज नहीं दे सके।
यहां भी मिल संचालित
भौती के अलावा करैरा, पिछोर और बैराड़ नगर में भी मूंगफली दाना मिल संचालित हैं। कुछ मिल शिवपुरी शहर में भी संचालित हैं। सबसे ज्यादा करैरा कस्बे में रिहायशी बस्ती में संचालित हैं। हालांकि करैरा में श्योपुरा गांव के पास नया इंडस्ट्रीज एरिया स्वीकृत हो गया है, जहां मिल शिफ्ट हो रहे हैं। जांच की जाए तो कई मिल अवैध रूप से संचालित मिलेंगे। वहीं मिलों में मशीनों से काम होता है और मजदूर संख्या 20 व इससे अधिक है तो कारखाना अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन जरूरी है।
रिहायशी क्षेत्र में नहीं होनी चाहिए मिल
भौती कस्बे में मूंगफली दाना मीलों से प्रदूषण के चलते बंद करवाए थे। प्रदूषण रोकने के लिए बाद में बैंक फिल्टर लगवाकर चालू करवा दिए थे। एसडीएम ने यदि अपने स्तर पर निर्णय लिया है तो यह बात अलग है। फिर भी रिहायशी क्षेत्र में मूंगफली दाना मिल संचालित नहीं होने चाहिए। -दुरविजय सिंह, रीजनल ऑफिसर मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गुना