शिवपुरी। भारत के पर्यटक के नक्शे पर नाया ठिकाना शिवपुरी माधव टाइगर रिजर्व है। टाइगर के ठिकाने में बार बार आग लग रही है। कही कोई षंडयत्र का शिकार तो नही हो रहा है यह जंगल यह एक बडा सवाल बन रहा है। माधव टाइगर रिजर्व में सुरवाया के के पास बलारपुर के पास आग लग गई। राह चलते लोगो ने देखा की जंगल से लगातार धुंए का गुब्बार उठ रहा है उसके बाद आग की लपेटे भी दिखाई देने लगी। माधव टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने अनुमानित दावा किया है कि किसी ने जलती हुई बीडी या सिरगेट फैक दी है जिससे यह आग लगी होगी। पार्क प्रबंधन का कहना है कि आग पर काबू पा लिया गया है।
जानकारी के अनुसार शनिवार की दोपहर सुरवाया के पास बलारपुर क्षेत्र के जंगल में अचानक आग भड़क गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पार्क प्रबंधन ने आग पर काबू पाने के प्रयास तेज कर दिए। तेज हवाओं और सूखे पत्तों व लकड़ियों के कारण यह आग तेजी से फैलती चली गई और करीब एक हेक्टेयर में फैल गई। हालांकि टाइगर रिजर्व प्रबंधन का दावा है कि उन्होंने आग पर काबू पा लिया है।
सोमवार को लगी थी आग
इससे पूर्व सोमवार की रात करीब 10 बजे माधव टाइगर रिजर्व क्षेत्र के शिवपुरी-ग्वालियर फोरलेन हाईवे के खूबत घाटी के पास वन्यप्राणियों को सड़क हादसे से बचाने के लिए लोहे जाली के संग बांस की साउंड बैरियर में लगाए गए जिसमें अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई। सूचना के बाद पहुंची फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया है। बता दे कि कुछ दिन पूर्व इस क्षेत्र में मादा टाइगर आ चुकी है। पास ही भूरा खो का जंगल है जहां लगातार टाइगर की मूवमेंट है।
मंगलवार को अमोला घाटी क्षेत्र में लगी थी आग
अमोला घाटी क्षेत्र के खुटैला में जंगल में मंगलवार की सुबह अचानक आग लग गई। सूचना के बाद टाइगर रिजर्व की टीम और सामान्य वन मंडल की टीमें मौके पर पहुंची और आग का कानू पाने के प्रयास किया। मंगलवार की देर शाम आग पर काबू पाया गया। जंगल में करीब 5 किमी तक के एरिया में अलग-अलग जहां आग थी।
अमोला घाटी क्षेत्र में जानवरो की भारमार
अमोला घाटी क्षेत्र में सिंध नदी निकली है जिसके कारण यहां अधिक मात्रा में जंगली जानवरों जैसे तेंदुआ, भालू, नीलगाय रहते है। सड़क किनारे कई बार राहगीरों को तेंदुआ में दिखाई दे चुके है वही पूर्व में टाइगर की भी मूवमेंट इस क्षेत्र में रहा चुकी है। आगजनी की घटना में फिलहाल को किसी जानवर की जान को खतरा नही हुआ लेकिन समय रहते यदि आग पर काबू नहीं पाया जाता तो जानवरों की जान को खतरा हो सकता था।
माधव टाईगर रिजर्व की सीमा में बार बार आग लगने से पूरा मामला संदेह के घेरे मे आता है। माधव नेशनल पार्क प्रबंधन प्रेस को भी सही जानकारी उपलब्ध नही कराता है। वही अभी मामला माधव टाईगर रिजर्व की सीमा मे आए आधा दर्जन गांवो के मुआवजे के प्रकरणो को लेकर विवाद चल रहा है। ग्रामीणो ने गांव खाली नही किए है। वही इस आग को बुझाने के लिए भी माधव टाइगर रिजर्व का बजट भी खर्च होता है। आग कितनी क्षेत्र में लगी इस पर कितना खर्च हुआ है यह भी एक बडा विषय है।
इनका कहना है
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि पार्क की बाउंड्री के पास किसी ने जलती हुई बीड़ी या सिगरेट फेंकी, जिससे आग भड़की। आग ने लगभग एक हेक्टेयर क्षेत्र को अपनी चपेट में लिया था, जिसपर लगभग काबू पा लिया गया है।
- आरके दीक्षित, रेंजर, माधव टाइगर रिजर्व, शिवपुरी।
जानकारी के अनुसार शनिवार की दोपहर सुरवाया के पास बलारपुर क्षेत्र के जंगल में अचानक आग भड़क गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पार्क प्रबंधन ने आग पर काबू पाने के प्रयास तेज कर दिए। तेज हवाओं और सूखे पत्तों व लकड़ियों के कारण यह आग तेजी से फैलती चली गई और करीब एक हेक्टेयर में फैल गई। हालांकि टाइगर रिजर्व प्रबंधन का दावा है कि उन्होंने आग पर काबू पा लिया है।
सोमवार को लगी थी आग
इससे पूर्व सोमवार की रात करीब 10 बजे माधव टाइगर रिजर्व क्षेत्र के शिवपुरी-ग्वालियर फोरलेन हाईवे के खूबत घाटी के पास वन्यप्राणियों को सड़क हादसे से बचाने के लिए लोहे जाली के संग बांस की साउंड बैरियर में लगाए गए जिसमें अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई। सूचना के बाद पहुंची फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया है। बता दे कि कुछ दिन पूर्व इस क्षेत्र में मादा टाइगर आ चुकी है। पास ही भूरा खो का जंगल है जहां लगातार टाइगर की मूवमेंट है।
मंगलवार को अमोला घाटी क्षेत्र में लगी थी आग
अमोला घाटी क्षेत्र के खुटैला में जंगल में मंगलवार की सुबह अचानक आग लग गई। सूचना के बाद टाइगर रिजर्व की टीम और सामान्य वन मंडल की टीमें मौके पर पहुंची और आग का कानू पाने के प्रयास किया। मंगलवार की देर शाम आग पर काबू पाया गया। जंगल में करीब 5 किमी तक के एरिया में अलग-अलग जहां आग थी।
अमोला घाटी क्षेत्र में जानवरो की भारमार
अमोला घाटी क्षेत्र में सिंध नदी निकली है जिसके कारण यहां अधिक मात्रा में जंगली जानवरों जैसे तेंदुआ, भालू, नीलगाय रहते है। सड़क किनारे कई बार राहगीरों को तेंदुआ में दिखाई दे चुके है वही पूर्व में टाइगर की भी मूवमेंट इस क्षेत्र में रहा चुकी है। आगजनी की घटना में फिलहाल को किसी जानवर की जान को खतरा नही हुआ लेकिन समय रहते यदि आग पर काबू नहीं पाया जाता तो जानवरों की जान को खतरा हो सकता था।
माधव टाईगर रिजर्व की सीमा में बार बार आग लगने से पूरा मामला संदेह के घेरे मे आता है। माधव नेशनल पार्क प्रबंधन प्रेस को भी सही जानकारी उपलब्ध नही कराता है। वही अभी मामला माधव टाईगर रिजर्व की सीमा मे आए आधा दर्जन गांवो के मुआवजे के प्रकरणो को लेकर विवाद चल रहा है। ग्रामीणो ने गांव खाली नही किए है। वही इस आग को बुझाने के लिए भी माधव टाइगर रिजर्व का बजट भी खर्च होता है। आग कितनी क्षेत्र में लगी इस पर कितना खर्च हुआ है यह भी एक बडा विषय है।
इनका कहना है
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि पार्क की बाउंड्री के पास किसी ने जलती हुई बीड़ी या सिगरेट फेंकी, जिससे आग भड़की। आग ने लगभग एक हेक्टेयर क्षेत्र को अपनी चपेट में लिया था, जिसपर लगभग काबू पा लिया गया है।
- आरके दीक्षित, रेंजर, माधव टाइगर रिजर्व, शिवपुरी।