KUNO NATIONAL PARK में 26 महीने मेहमान बनकर रहे है चीता पावक और प्रभाष, गांधी सागर पहुंचे

Bhopal Samachar

शिवपुरी। देश में चीता प्रोजेक्ट का मुय केंद्र कूनो नेशनल पार्क से अब चीतों के देश के अन्य हिस्सों में जाने की शुरुआत रविवार से हो गई। यहां से नर चीता भाई पावक और प्रभाष को गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में शिफ्टिंग कर दिया गया। पावक और प्रभाष पहले दो चीते हैं, जो भारत में अपने दूसरे घर में पहुंचे हैं। इससे पहले 26 महीने तक इनका ठिकाना कूनो नेशनल पार्क में रहा। लेकिन कूनो में 26 महीने के आश्रय के बाद रविवार को उन्हें यहां से नए घर के लिए विदा कर दिया गया।

रविवार को अलसुबह 4 बजे से ही पावक-प्रभाष के ट्रैक्यूलाइज करने की प्रक्रिया शुरू हुई और लगभग 3 घंटे में ट्रैक्यूलाइज करने, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने और बॉक्स में रखने की प्रक्रिया पूरी हुई। दोनों चीतों को अलग-अलग बॉक्स में रखकर गाड़ियों में रखा गया। इसके बाद सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा के नेतृत्व में विशेष गाड़ियों के काफिले के साथ शुरू पावक-प्रभाष का कूनो से गांधीसागर का सफर।

सुबह 8 बजे कूनो के पालपुर से क्षेत्र से रवाना हुआ 10 गाड़ियों का काफिला टिकटोली गेट नेकलकर सेसई पुरा, कराहल होते हुए गोरस-पारोन स्टेट हाइवे से होते हुए बारां से सुपर एक्सप्रेस वे होते हुए गांधी सागर मंदसौर पहुंचे। इस दौरान लगभग 7 घंटे का सफर तय करते हुए चीतों का ये काफिला दोपहर 3 बजे गांधीसागर पहुंचा। इस दौरान डॉक्टरों की टीम और अन्य फील्ड स्टाफ भी साथ रहा।

दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी 2023 को 12 चीतों के साथ लाए गए नर चीते भाई पावक और प्रभाष 26 महीने (2 साल 2 महीने 2 दिन) कूनो नेशनल पार्क में रहे। 18 अप्रैल 2025 को इन्हें गांधी सागर शिफ्टिंग कर दिया गया। इन 26 महीनों की अवधि में पावक और प्रभाष अधिकांश : बाड़े में ही बंद रहे हैं, लेकिन एक बार इन्हें खुले जंगल में भी छोड़ा गया था। 11 जुलाई 2023 को दोनों चीतों को कूनो के खुले जंगल में छोड़ा गया था, लेकिन चीतों की मौतों का सिलसिला शुरू हुआ तो वापस बाड़े में शिफ्टिंग करने की प्रक्रिया हुई, जिसमें 25 जुलाई 2023 को पावक और प्रभाष को भी वापस बाड़े में कर दिया गया था।

चीता कॉरिडोर के पाइंट बनेंगे कूनो-गांधी सागर

मप्र-राजस्थान के बीच विकसित हो रहे चीता कॉरिडोर के लिए कूनो से 2 चीतों की शिटिंग एक अहम कड़ी है। यही वजह है कि चीता कॉरिडोर का एक पाइंट कूनो नेशनल पार्क और दूसरा पाइंट मंदसौर का गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य रहेगा। इनके बीच मप्र-राजस्थान के अन्य नेशनल पार्क और अभयारण्य एक कड़ी की भूमिका में रहेंगे।

इनका कहना है
कूनो से चीते पावक और प्रभाष की गांधीसागर में सुरक्षित शिंटिंग हो गई है। इस दौरान लगभग 7 घंटे में चीतों को गांधी सागर में शिट कर दिया है।
उत्तम कुमार शर्मा, सीसीएफ एवं संचालक, सिंह परियोजना श्योपुर