बाल विवाह रोकने के लिए कलेक्टर चौधरी ने किए दल गठित,दिशा-निर्देश जारी

Bhopal Samachar

शिवपुरी। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने जिले में अक्षय तृतीया एवं बसंत पंचमी पर होने वाले विवाह आयोजनों में बाल विवाह न हो इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बाल विवाह एक सामाजिक बुराई के साथ ही गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। बाल विवाह बच्चों के विकास में सबसे बड़े अवरोध के रूप में चिह्नित किया गया है। इस सामाजिक अपराध को सामुदायिक सहयोग के बिना मिटाना संभव नहीं है।

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 में बाल विवाह का अनुष्ठान करना, कराना एवं उसमें किसी भी प्रकार का सहयोग करना दंडनीय अपराध माना गया है। इसके लिए कानून में 2 वर्ष की सजा एवं एक लाख रुपये अर्थदंड का प्रावधान किया है। संशोधित किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 में बाल विवाह को बच्चों के साथ क्रूरता मानते हुए 3 वर्ष की सज एक लाख रुपये अर्थदंड का प्रावधान किया गया है।

सूचना के लिए गठित किया कंट्रोल रूम
जिला स्तर पर बाल विवाह की सूचना हेतु वन स्टॉप सेंटर में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है जिसके दूरभाष नम्बर 07492356963 पर, चाईल्ड लाईन 1098, महिला हेल्पलाइन 181 एवं पुलिस नम्बर पर की जा सकती है।।

जिले में बाल विवाह रोकथाम के लिए निगरानी दलों का गठन किया गया है। जिसमें जिला स्तरीय समिति में सदस्य के रूप में कलेक्टर एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अध्यक्ष पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद, जिला समन्वयक नेहरू युवा केन्द्र, प्रशासक वन स्टॉप सेंटर, अशासकीय संस्था के प्रतिनिधि रहेंगे।

विकासखण्ड स्तरीय समिति में सदस्य के रूप में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), सीईओ जनपद बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, तहसीलदार, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसी, परियोजना अधिकारी, विकासखंड समन्वयक जन अभियान परिषद, राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक नेहरू युवा केन्द्र, पैरालीगल वालंटियर विधिक सेवा, स्वैच्छिक संगठन के प्रतिनिधि शामिल है। ग्राम स्तरीय समिति में सरपंच/पंच/वार्ड पार्षद, पंचायत सचिव, पटवारी, स्कूल के सभी शिक्षक, आंगनबाड़ी, एएनएम स्वास्थ्य विभाग, मातृ सहयोगनी समिति, शौर्या दल सदस्य, स्व सहायता समूह की महिलाएं शामिल है।

दल प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, कैटरर, धर्मगुरू, बैंड वाले एवं समाज प्रमुखों से उम्र संबंधी प्रमाण पत्र के परीक्षण पश्चात ही विवाह आयोजन में सेवाएं प्रदान करने का अनुरोध करेगा। ग्राम स्तरीय दल द्वारा वर-वधु की उम्र के प्रमाण लिए जाएंगे एवं जहां बाल विवाह की संभावना हो वहां की जानकारी जुटाकर सूची बनाएंगे।