शिवपुरी। शिवपुरी जिले में लगातार आर्थिक घोटाले सामने आ रहे है,अभी हाल में ही शिवपुरी में 7 करोड़ रुपए का पीडब्ल्यूडी का घोटाला सामने आया था अब फिर शिक्षा विभाग के डीईओ कार्यालय में एक करोड के फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है। इस घोटाले का शिवपुरी में हुई आडिट से क्लीन चिट मिल गई थी लेकिन भोपाल मे यह मामला पकड़ में आ गया। कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों ने एक करोड़ की राशि अपने व अपने रिश्तेदारों के खाते में डाल दी है। कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी को 7 अप्रैल को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई के आदेश दिए है।
कलेक्टर को लिखे पत्र में यह घोटाला 2019-20 से शुरू होकर 2024-25 तक के भुगतानों में किया जाना बिंदुवार और नामजद बताया गया है। पत्र में 40 भुगतानों को सारणीबद्ध करके खाता, नाम और राशि का उल्लेख भी किया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दो साल से अधिक समय से खनियाधाना बीईओ कार्यालय में प्रकाश सिंह सूर्यवंशी बीईओ के पद पर पदस्थ हैं, उनकी मौजूदगी में यह घोटाला चलता रहा और उन्होंने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।
सहायक ग्रेड 3 के खातों में 20.95 लाख भुगतान
बीईओ कार्यालय खनियाधाना में सहायक ग्रेड 3 पद पर पदस्थ ओंकार सिंह धुर्वे ने स्वयं के बैंक खातों एवं उनकी पत्नी अनुराधा धुर्वे, भाई अनिल सिंह धुर्वे इन सभी के बैंक खातों में 20.95 लाख का भुगतान गया है।
शिवपुरी में फिर एक करोड़ का घोटाला
हाल ही में शिवपुरी में 7 करोड़ का पीडब्ल्यूडी वेतन घोटाला उजागर हुआ था। इस मामले में 5 कार्यपालन यंत्री सहित 15 आरोपियों पर कोतवाली में एफआईआर हो चुकी है। एक आरोपी गिरफ्तार है, जबकि शेष 14 अभी फरार हैं। इस घोटाले की जांच अभी पूरी नहीं हुई और अब 1 करोड़ का घोटाला बीईओ कार्यालय खनियांधाना में सामने आ गया। भ्रष्टाचार के भोपाल स्तर से उजागर इन मामलों से यह तय हो गया है कि शिवपुरी में भ्रष्टाचारी अधिकारी व कर्मचारी बेखौफ हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के पकड़े जाने का भी संभवत: कोई डर नहीं है।
एकाउंटेंट व परिवार के खातों में लाखों का भुगतान
कलेक्टर के पास आए पत्र में बताया है कि बीईओ कार्यालय के डिविजनल अकाउंटेंट के पद पर पदस्थ सुखनंदन रसगैया ने स्वयं के वेतन भत्तों में माह अक्टूबर 2020 में अन्य भत्ते व इसके अतिरिक्त इनके परिवार में शामिल पुत्री हेमलता, पुत्र शिवा, ब्रजेश एवं अरुण कुमार रसगैया के नाम के खातों में 14 लाख रुपए से अधिक के अन्य कर्मचारियों के स्वत्वों एवं अन्य प्रकार के भुगतान को कर दिया है।
माध्यमिक शिक्षक यशपाल बघेल की पत्नी रेखा के खाते में भी अन्य कर्मचारियों के स्वत्वों एवं अन्य मदों का 3.49 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। रेखा बघेल के अतिरिक्त खुशी बघेल, साक्षी पुत्री यशपाल सिंह का नाम भी पत्र में है, जिनके खाते में पैसे गए हैं।
ट्रेजरी विभाग की भूमिका भी संदिग्ध
पीडब्ल्यूडी विभाग के 7 करोड़ के घोटाले में फरियादी कोई और नहीं बल्कि ट्रेजरी विभाग बना है। गौर करने वाली बात यह है कि सभी शासकीय विभागों के वेतन से लेकर जो भी बिल भुगतान होते हैं, वह ट्रेजरी से जांच होने के बाद ही पास होते हैं और फिर भुगतान की प्रक्रिया पूरी होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि यह जो बड़े घोटाले होते रहे तो ट्रेजरी विभाग के जिम्मेदार इन अनाप शनाप बिलों को किस आधार पर पास करते रहे।
जांच टीम बनाई है
हमारे पास बीईओ कार्यालय खनियाधाना में एक करोड़ के घोटाले से संबंधित मामले में कार्रवाई के लिए पत्र आया है। मैंने एक जांच टीम बना दी है। जल्द पूरे मामले में जांच कर जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। ट्रेजरी विभाग की भूमिका भी संदिग्ध है, उसकी भी हम जांच करा रहे है।
रविन्द्र चौधरी, कलेक्टर, शिवपुरी