BANK के कारण शिवपुरी की बेटी की तलाक की नौबत, कलेक्टर तक पहुंचा मामला

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी के जिला सहकारी बैंक की कार्यप्रणाली के कारण शिवपुरी की एक बेटी के वैवाहिक जीवन पर संकट खड़ा हो गया है,आज जनसुनवाई में यहां मामला पहुंचा है महिला ने बताया कि उसके बैंक में 22 लाख रुपए जमा है और उसको 10 हजार दिए जाते है। वह वर्तमान में पूना मे निवास करती है। इतनी दूर से आने जाने पर ही आधी रकम खर्च हो जाती है। महिला ने बताया कि मेरी मॉ बीमार थी पति ने उसने इलाज के लॉन लिया था। बैंक पैसे नहीं दे रहा है इस बात पर विवाद होता है और अब बात तलाक तक आ पहुंची है।

जानकारी के अनुसार सोनिया त्रिपाठी अपनी मॉ के साथ शिवपुरी में रहती थी और वर्तमान में वह पूणे महाराष्ट्र में निवास कर रही है। सोनिया ने बताया कि  मेरी मॉ कमलप्रभा त्रिपाठी कॉपरेटिव बैंक में जॉब करती थी कैंसर के चलते मेरी मां की 20 जूलाई 2022 में मौत हो गई। सोनिया ने बताया कि मेरी मां के इलाज के लिए मुझे लोन लेना पड़ा था, मां की रीढ़ की हड्डी भी टूटी हुई थी। उसी के चलते मेरी मां की मौत हो गई थी,उनका  बैंक में 22 लाख रुपए के लगभग जमा है जिसको निकालने में बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है जब भी मैं शिवपुरी पैसे निकालने के लिए आती हूं तो 10000 रुपये से ज्यादा नहीं देते हैं।

कलेक्टर से शिकायत के बाद देते हैं 2 हजार की जगह 10 हजार रुपये बैंक वाले,
वहीं सोनिया ने बताया कि यहां तक की स्थिति पैदा हो गई हैं कि मेरी सास कहती हैं तू यहां से चली जा बेटे को डिवोर्स दे दे। तूने इतने पैसे लगा दिये और अब ये लोन भी भरना पड़ रहा हैं ऐसी स्थिति में मुझे इतनी दूर से अपने बेटे को लेकर आना पड़ता हैं जबकि यहां बैंक से 5 से 10 हजार रुपये ही निकलते हैं,और इतने तो मेरे आने जाने में खर्च हो जाते हैं इससे मैं काफी परेशान हो चुकी हूं।

वहीं बैंक वाले बिना शिकायत के पैसे नहीं देते हैं जब भी कलेक्टर के पास में शिकायत करने आती हूं तभी वह 10000 रुपये  देते हैं नहीं तो एक 2000 ही देते हैं जिसके कारण बहुत ज्यादा परेशानी होती  है अब तो दिक्कत तो नहीं आने लगी है कि पति भी है कहते हैं कि बार-बार शिवपुरी क्यों जाती हो जब पैसे नहीं मिलते तो।
 
इनका कहना हैं
जो सहकारिता बैंक का पैसा आया है वह बैंक के व्यवसाय के लिए आया है ना की बांटने के लिए,  बैंक अपना व्यवसाय जिन संसाधनों से करता है जैसे 0% पर किसानों को ऋण उपलब्ध करा कर,किसान क्रेडिट कार्ड बनवा कर अभी जो फंड 50 करोड़ आया है उससे बैंक की नई इनकम शुरू करेंगे और अपना बैंक चलाना है और गमन के खिलाफ कार्यवाही करना है अभी फिलहाल तो गमन कारियो कि सेवा समाप्त कर दी गई है और जैसे ही न्यायालय का फैसला आएगा उसके बाद कुर्की और नीलामी करेंगे।
बैंक प्रबंधक राजीव दुबे