SHIVPURI NEWS - श्री सत्यनारायण मंदिर के लिए सरकार के पास नही है पैसा, रूठे फूफा ने काम बिगाडा

Bhopal Samachar

अनिल कुशवाह @ शिवपुरी। शिवपुरी शहर मे निर्माणाधीन श्री सत्यनारायण मंदिर का काम पैसे के अभाव में रूका है,शिवपुरी विधानसभा की पूर्व विधायक ओर पूर्व कैबीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने शिवपुरी के कई मंदिरो का जीणोउद्धार कराया था। इस मंदिर के लिए प्रदेश के  धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग  ने 10 करोड का बजट मंजूर किया था,लेकिन वर्तमान की बात करे तो इस स्वीकृत बजट में से लगभग 2.5 करोड रूपए बकाया है। इसलिए सत्यनारायण मंदिर का काम रूका हुआ है।

इस रूके हुए काम को पूर्ण कराने के लिए शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन ने बजट सत्र 2025 की विधानसभा में प्रश्न क्रमांक 1235 से सरकार से इस मंदिर के विषय में जानकारी और बजट की मांग की थी,सरकार ने जबाब में ना ही जानकारी दी ओर ना ही किसी प्रकार के बजट का आश्वासन दिया है। विधायक के सवाल और धार्मिक न्यास ओर धार्मिक विभाग के मंत्री के जबाब को गौर से पढ़ें तो एक बात स्पष्ट रूप से निकल कर आती है कि इस मंदिर के निर्माण कराने वाली ऐजेंसी ने एक रूठे हुए फूफा सा काम कर दिया और बात बिगड गई ।

यह मंदिर दिल्ली के अक्षर धाम मंदिर की तर्ज पर बन रहा है
यह मंदिर दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि देश के प्राचीनतम सोमनाथ मंदिर का निर्माण जिन कारीगरों ने कराया था, उन्हीं के वंशज शिवपुरी में सत्यनारायण मंदिर का निर्माण करा रहे हैं। प्रदीप सोमपुरा और ललित सोमपुरा ने मंदिर का काम हाथ में लिया है। नवगृह व सत्यनाराण मंदिर के निर्माण में 8 करोड़ की लागत आ रही है। लेकिन मंदिर बनाने में 10 करोड़ रुपए से जयादा की राशि खर्च हो जाएगी।

पहले पढे विधायक देवेन्द्र जैन ने क्या प्रश्न किया
विभाग का नाम : धार्मिक न्यास और धर्मस्व
विषय : नवग्रह एवं सत्यनारायण मंदिर शिवपुरी के अपूर्ण कार्य की राशि जारी किये जाने संबंधी।

श्री देवेन्द्र कुमार जैन क्या राज्य मंत्री, धार्मिक न्यास और धर्मस्व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी में शासन संधारित मंदिर श्री नवग्रह मंदिर एवं श्री सत्यनारायण मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य हेतु जारी की गई प्रशासकीय स्वीकृती के उपरांत किये गए कार्यो में अपूर्ण कार्य की राशि रू. 242.75 लाख की मांग कार्यकारी एजेन्सी मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अद्योसंरचना मण्डल गुना द्वारा की गई है?

(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त राशि के अभाव में मंदिर परिसर का शेष जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण नहीं होने से मंदिर परिसरों में अभी तक किये गए समस्त कार्यों में भव्यता एवं सुंदरता नहीं मिल पा रही है? बार-बार मांग किये जाने के उपरांत भी राशि का आबंटन अभी तक क्यों नहीं किया गया? सकारण उत्तर दें तथा उक्त कार्यों को पूर्ण करने हेतु कब तक अपूर्ण कार्यों की राशि रू. 242.75 का आवंटन निर्माण ऐजेंसी को किया जायेवा?

यह जबाब दिया मंत्री धमेन्द्र भाव सिंह लोधी ने
राज्य मंत्री, धार्मिक न्यास और धर्मस्व (श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी): (क) जी हां। (ख) अपेक्षित पूर्ण जानकारी के अभाव में पुर्नआंवटन राशि जारी नहीं की गई है। प्रकरण में अपेक्षित जानकारी की पूर्ति उपरांत ही शेष राशि जारी की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

अब समझते है रूठे हुए फूफा ने कैसे काम बिगडा
विधायक देवेन्द्र जैन ने पूछा है कि क्या शिवपुरी के सत्यनारायण मंदिर के जीर्णोद्धार के जारी कार्य के लिए मध्यप्रदेश के गृह निर्माण ऐजेंसी ने 242.75 लाख रूपए का मांग पत्र भेजा था, मंत्री महोदय ने जबाब दिया कि भेजा था। इसके बाद मंत्री ने जबाव दिया है कि विभाग दवारा जानकारी मांगी गई कि विभाग ने पूर्ण जानकारी नही दी इसलिए मंत्री महोदय के जबाब में अपेक्षित पूर्ण जानकारी के अभाव का उपयोग करते हुए बोला गया कि इसलिए पुर्नआवंटन रााशि जारी नही की गई। जब विभाग पूरी जानकारी देगा जब शेष रााशि जारी की जा सकती है।

इस मंदिर के निर्माण ऐजेंसी मध्यप्रदेश के गृह निर्माण ऐजेंसी गुना ने  धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग  को मंदिर के लिए जारी रााशि का पूर्ण ब्यौरा नही दिया गया, कि अब तक के स्वीकृत बजट से क्या क्या काम हुआ और शेष बजट रूक जाने से क्या क्या काम रूक गया। विभाग ने इस मामले मे केवल बजट का मांग पत्र भेजा कार्य का विवरण नही भेजा इस कारण ही  धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने इस मंदिर के निर्माण का बाकी पैसा रोका है।

मुख्य सचिव को लिख सकता था विभाग चिठ्ठी
गृह निर्माण ऐजेंसी गुना इस बजट की मांग पत्र के लिए मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को चिठ्ठी लिख सकता था। वहां से पत्र व्यवहार होकर कई माह पूर्व यह बजट जारी हो सकता था। मुख्य सचिव के यहां से जब यह मांग पत्र धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग  जाता तो वहां से पत्र रिलीज हो सकता था कि क्या क्या जानकारी  धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग  भेजनी थी,   लेकिन ऐसा नही हुआ एक रूठे हुए फुफा की तरह एक चिठ्ठी भेज दी,जिसे धर्मस्य विभाग ने नियमो के फेर में उलझाकर पैसा रोक लिया। कुल मिलाकर सरकार के दो विभागो में जीजा फूका जैसी लडाई के कारण शिवपुरी का विकास रूक गया।