शिवपुरी। सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए, अब सरकारी स्कूलों में कक्षा 5वीं से 12वीं तक के छात्रों को ट्रैफिक नियमों की शिक्षा दी जाएगी। यह योजना पुलिस प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (पीटीआरआई) द्वारा संचालित की जाएगी, जिसे स्कूल शिक्षा विभाग ने मंजूरी दे दी है। दोनो विभाग मिलकर इसे लागू करेंगे।
इस पहल का उद्देश्य बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और समाज में ट्रैफिक नियमों के पालन को बढ़ावा देना है। आगामी शैक्षणिक सत्र से यह योजना शुरू होगी। इसके तहत बच्चों के लिए ट्रैफिक नियमों पर आधारित विशेष किताबें तैयार की गई हैं, जिन्हें हर साल स्कूलों में वितरित किया जाएगा। हर कक्षा के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं।
गर्मी की छुट्टियों में आयोजित होंगी प्रतियोगिताएं
इस कार्यक्रम को और आकर्षक बनाने के लिए पुलिस ने विशेष योजना बनाई है। गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के लिए ट्रैफिक नियमों पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इनमें प्रश्नोत्तरी, निबंध लेखन, पोस्टर बनाना और व्यावहारिक कार्यशालाएं शामिल होंगी।
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य
ट्रैफिक नियमों की किताबों को रोचक बनाने के लिए उसमें कॉमिक्स, कहानियां और चित्रों का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि बच्चों को नियमों की बेहतर समझ हो सके। छात्रों को ट्रैफिक सिग्नल, सड़क पार करने के नियम, हेलमेट और सीट बेल्ट के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही व्यावहारिक सत्र और कार्यशालाओं का आयोजन भी होगा। यह योजना सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है।
शिवपुरी में हर साल 1100 सड़क हादसे
शिवपुरी जिले में वर्ष 2024 में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा चिंताजनक है। 1082 दुर्घटनाओं में से 342 लोगों की मौत हुई, जबकि 22 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा, 993 लोग गंभीर रूप से चोटिल हुए। कुल मिलाकर, 1015 लोग इस साल सड़क हादसों में घायल हुए। ये आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाना कितना जरूरी है।
अक्सर हादसों में लोगों की मौत हेलमेट न पहनने के कारण होती है। ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी देकर इन हादसों को कम किया जा सकता है। शिवपुरी के एसपी अमन सिंह राठौड़ का मानना है कि सड़क सुरक्षा की शिक्षा बच्चों से से शुरू की जानी चाहिए। अगर छोटे बच्चों को बचपन से ही ट्रैफिक नियमों का पालन करना सिखाया जाए, तो यह उनकी आदत बन जाएगी और वे बड़े होकर जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। इससे न केवल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी, बल्कि समाज में जिम्मेदारी भी बढ़ेगी।