SHIVPURI NEWS - सामूहिक जनेऊ संस्कार, वस्त्र पूजा थाली और भोजन नि:शुल्क

Bhopal Samachar

शिवपुरी। हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों में से एक 'उपनयन संस्कार' के अंतर्गत जनेऊ पहनी जाती है जैसे ही 'यज्ञोपवीत संस्कार' कहते हैं। सनातन संस्कृति में जन्म से लेकर मृत्यु तक एक व्यवस्थित प्रक्रिया के अंतर्गत एक व्यक्ति का जीवन व्यतीत होता है। जैसे गर्भधारण से लेकर पैदा होने तक और उसके बाद बड़े होने से लेकर मृत्यु तक सभी चीजों के लिए अलग-अलग 16 संस्कारों की व्यवस्था की गई है।

इन्हीं 16 संस्कारों में से एक हैं यज्ञोपवीत संस्कार। यज्ञोपवीत को उपनयन, यज्ञ सूत्र, व्रतबन्ध, बलबन्ध, मोनीबन्ध, ब्रह्मसूत्र आदि नामों से भी जाना जाता है और किसी भी सनातनी और वैष्णव के जीवन में यज्ञोपवीत का अलग ही महत्व होता है। इस पवित्र संस्कार की क्रियाविधि और खर्च लगभग विवाह के समान ही होती है, जिसे वर्ड स्पीचुअल फाउंडेशन के संस्थापक रघुवीर सिंह गौर शिवपुरी द्वारा निःशुल्क कराने का निर्णय लिया है, जो कि शिवपुरी जिले के समस्त वैष्णव बटुकों के लिए निःशुल्क होगा।

9 अप्रैल को शिवपुरी के नक्षत्र गार्डन में शिवपुरी जिले के समस्त योग्य वैष्णव युवकों के लिए उपनयन (जनेऊ) संस्कार निःशुल्क रखा गया है। जिसमें वनारस एवं जिले के प्रमुख कर्मकांडी वैष्णव आचार्यों द्वारा उपनयन यज्ञोपवीत संस्कार कराया जावेगा।

संस्था से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि इस भव्य कार्यक्रम मे बटुक (जिनका उनयन संस्कार होगा) उनके समस्त परिवार एवं रिस्तेदारों के लिए शिवपुरी नक्षत्र गार्डन मे  नास्ते एवं भोजन की समुचित व्यवस्था भी निःशुल्क होगी।

शिवपुरी के  जिला पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि  इस भव्य कार्यक्रम में बटुक परिवारों को 31 मार्च तक अपने बालकों का नाम और उनके परिवार के सदस्यों की संख्या की जानकारी देना अनिवार्य है ताकि उनके पूजा वेदी एवं अन्य सामान की व्यवस्था की जा सके। पंजीयन कराने हेतु जिले एवं प्रत्येक कस्बे में प्रतिनिधि तय किये गए है।