SHIVPURI NEWS - एयरपोर्ट पर ग्रहण, एनजीटी के कानून का पेंच-फिर होगा प्रोजेक्ट लेट

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी के कुंडली में ऐसा कोई योग बैठा है जो विकास को नीच दृष्टि से देखता है और विकास कार्यो में रूकावटे लाता है,ओर काम समय पर नहीं होता है। अगर पिछली योजनाओं की बात करे तो सिंध जलावर्धन योजना और सीवर प्रोजेक्ट का नाम लिखा जा सकता है। अब इस योग की दृष्टि शिवपुरी में प्रस्तावित एयरपोर्ट पर पड़ गई है। बताया जा रहा है कि अव एयरपोर्ट के लिए सरकारी भूमि के अधिग्रहण पर एनजीटी का ग्रहण लग सकता है। ऐसा ही कुछ मामला पचमढ़ी में हुआ था। सरकार और अधिकारियों ने शिवपुरी के एयरपोर्ट की प्लानिंग में इस योग को भुला दिया।

लोकसभा चुनाव से पूर्व लगें शिवपुरी की उड़ान को पंख
प्रदेश की आंतरिक हवाई सेवा में विस्तार के क्रम में वर्ष 2021 से शिवपुरी की हवाई प‌ट्टी के विस्तार के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी। मंद गति से लगातार आगे बढ़ रही इस प्रक्रिया को पंख उस समय लगे जब लोकसभा चुनाव के पहले उड़ान 5.2 के तहत मंत्रालय द्वारा 45 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए। लोकसभा चुनाव के बाद शिवपुरी से भोपाल के लिए नई स्टार्ट-अप एयरलाइन स्पिरिट एयर ने शिवपुरी एयरपोर्ट के लिए बोली लगाई। अंततः मंगलवार को मप्र सरकार ने शिवपुरी में हवाई पट्टी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण पर कानून का ग्रहण
बताया जा रहा है कि अब यहां एयरपोर्ट बनना लगभग तय हो गया है। बताया जा रहा है कि शिवपुरी का यह एयरपोर्ट करीब सौ हेक्टेयर में बनेगा। इसके लिए राजस्व विभाग की 57.548 हेक्टेयर भूमि, माधव नेशनल पार्क की 36.464 हेक्टेयर भूमि, सामान्य वन मंडल की 4.536 हेक्टेयर भूमि के अलावा 24.841 हेक्टेयर निजी भूमि का भी अधिग्रहण किया जाएगा। शिवपुरी प्रशासन द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एयरपोर्ट बनाने की इस प्रक्रिया को लगभग 4 साल का समय बीत चुका है, जिसमें काफी पेपर वर्क किया गया है, लेकिन खास बात यह है पिछले चार सालों में इस योजना को कागजी विस्तार देते समय यहां के अधिकारियों सहित मप्र कैबिनेट ने एक बार भी इन कानूनों सहित माधव टाइगर रिजर्व की सीमा पर विचार ही नहीं किया।

इस मामले का समझे क्यो कानून की बेडिया है यहां
 प्रशासन ने योजना को धरातल पर लाने से पूर्व नहीं दिया गाइड लाइन पर ध्यान पचमढ़ी में हवाई पट्टी का विस्तार कर वहां भी एयरपोर्ट बनाया जाना प्रस्तावित था, यह एयरपोर्ट टाइगर रिजर्व की सीमा से 50 मीटर दूर बनाया जा रहा था। इस मामले को लेकर बृजेश कुमार भारद्वाज द्वारा एनजीटी में 22 अक्टूबर 2024 को मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर की। उक्त याचिका में एयरपोर्ट के निर्माण को चुनौती देते हुए उन्होंने इसे एनजीटी,सुप्रीम कोर्ट के कानून का उल्लंघन बताया। एनजीटी ने मामले की सुनवाई की। उक्त सुनवाई के उपरांत मध्य प्रदेश शासन ने एनजीटी को शपथ पत्र दिया है कि वह अब टाइगर रिजर्व के पास एयरपोर्ट नहीं बना रहे है। यदि बात शिवपुरी की करें तो यहां पर तो टाइगर रिजर्व की जमीन का ही अधिग्रहण करके एयरपोर्ट बनाए जाने की योजना पर काम किया जा रहा है।

यह बोले एडवोकेट
इस केस में यह साफ है कि एयरपोर्ट माधव टाइगर रिजर्व की कोर परिया की भूमि को अधिग्रहित कर बनाया जा रहा है। बात अगर कानून की करें तो जिस जगह पर एयरपोर्ट बनाए जाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है,  इन तथ्यों पर विचार किए वहां पर एयरपोर्ट बनाया जाना संभव ही नहीं है। यह समझ से परे है। यह पर्यावरण सहित वन्य प्राणी संरक्षण की दृष्टि से ठीक नहीं है और कानून का उल्लंघन है।
अभय जैन, एडवोकेट

यह  बोले   सीसीएफ उत्तम शर्मा
अभी हमारे पास भूमि अधिग्रहण के संबंध में कोई ऑफिशियल प्रपोजल नहीं आ है। अगर आन पेपर प्रपोजल आता है तो कानून के हिसाब से काम किया जाएगा। कानून के अनुसार अगर सरकारी सारी अनुमति दे देती है तो एयरपोर्ट बन जाएगा और नहीं देती है तो नहीं बनेगा। नेशनल पार्क अथवा टाइगर रिजर्व की सारी परमिशन सुप्रीम कोर्ट से आती है। एक संस्था या सरकार के कहने से सब कुछ नहीं होता, क्योंकि पहले वन विभाग है फिर राज्य सरकार, केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग के लिए है।
उत्तम शर्मा, डायरेक्टर, सिंह परियोजना

पचमढ़ी का क्या मामला रहा,
इसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। सिविल एविएशन वालों ने भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 15 दिन पहले अप्लाई कर दिया है। इस मामले में जो कुछ भी होगा वह कानून के अनुसार ही किया जाएगा।
रवीन्द्र कुमार चौधरी, कलेक्टर शिवपुरी