शिवपुरी। शनिवार को जिले भर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। कुल 28 खंडपीठों के माध्यम से 2189 मामलों का निराकरण हुआ एवं लगभग 2938 से अधिक पक्षकार लाभान्वित हुए। निराकृत मामलों में विचाराधीन मामले 679 एवं प्री-लिटिगेशन स्तर के 1510 शामिल थे। इसके अलावा कुटुम्ब न्यायालय में विचाराधीन सात ऐसे मामलों में पति-पत्नी ने माला पहनाकर दोबारा जीवन शुरू किया ।
सास से झगड़े के कारण तीन साल अलग रहे
बदरवास की एक 23 वर्षीय युवती की शादी वर्ष 2019 में अशोकनगर के अताईखेड़ा गांव में हुई थी। सास से खाना बनाने, घर के काम करने जैसे विषयों में रोज-रोज की कहासुनी के कारण परिवार में कलह बढ़ गई और महिला गर्भवती होने के बावजूद तीन साल पहले अपने मायके आ गई। वहीं उसने एक बेटी को जन्म दिया। तीन साल तक न तो पिता ने बेटी का चेहरा देखा, न दादी ने पोती का। इधर महिला ने अपने भरण पोषण के लिए कुटुम्ब न्यायालय में मामला लगा दिया। तीन साल तक चली कानूनी लड़ाई के उपरांत दोनों पक्षों को रिश्तों की अहमीयत समझ आई। अंततः मध्यस्थों द्वारा दी गई समझाइश के उपरांत पति-पत्नी व परिवार ने एक बार फिर से एक साथ जीवन जीने का फैसला लिया। आज पति-पत्नी ने न्यायालय में एक दूसरे को माला पहनाकर नया जीवन शुरू किया। इसी तरह के दो अन्य मामले भी सामने आए, जिसमें एक दंपत्ति 7 साल से तो एक 12 साल से अलग रह रहे थे।
पिता-पुत्र के बीच संपत्ति विवाद का हुआ समाधान
पिछोर में आयोजित लोक अदालत में पिता-पुत्र के बीच पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर चला आ रहा विवाद न्यायालय तक पहुंच गया। इस मामले में न्यायालय के मध्यस्थों द्वारा समइ दी गई। आज पिता-पुत्र के बीच चले आ रहे विवाद का समाधान हो गया।
लोक अदालत के न्यायाधीश अमनदीप सिंह छाबड़ा ने कहा, हमारा उद्देश्य केवल विवादों को सुलझाना नहीं है, बल्कि लोगों को उनके रिश्तों की अहमियत समझना भी है। पोहरी में 37 आपराधिक व 13 बैंक बाउंस के प्रकरण हुए निराकृत पौहरी में व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड पोहरी अंजली पटेल के न्यायालय द्वारा नेशनल लोक अदालत में 17 आपराधिक प्रकरणों, 9 चैक बाउंस के प्रकरणों का निराकरण कर 29,37,600 रुपये राशि की वसूली की गई।