भोपाल। शिवपुरी और श्योपुर जिले की सीमा पर स्थित कूनो नेशनल पार्क पर अब चीतो का कब्जा हो गया,वर्तमान समय मे पर 12 चीते कूनो के जंगल में खुले में भ्रमण कर रहे है। चीतो के खुले में छोड़े जाने से पार्क में पर्यटकों को अपनी और आकर्षित कर रहे है इससे पार्क में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है। मध्यप्रदेश की धरती पर भारत से विलुप्त प्रजाति चीता को देखकर जंगल के अन्य जानवर भी हैरान है।
कूनो नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि जंगल के अन्य जानवर चीतो की रफ्तार के साथ-साथ उनके जोड़े में रहने और साथ में शिकार करने को लेकर हैरान है, क्योंकि कैट प्रजाति के कूनो नेशनल पार्क में दिखाई देने वाले तेंदुए जैसे जानवर अभी तक अकेले रहने और अकेले ही शिकार करना पसंद करते हैं, जबकि चीते तीन और दो के समूह में घूम रहे हैं।
विश्व वन्यजीव दिवस के मौके पर एक नए जानवर की जंगल में आमद होने के प्रभाव के विषय में बताते हुए कहते हैं कि अभी तो चीतों के जंगल में आने के बाद दूसरे जानवर इनके विषय में जान और सीख ही रहे हैं। क्योंकि पहली बार ऐसा कोई जानवर जंगल में है, जो समूह में रहकर शिकार करता है। हालांकि चीते को अब दो साल का समय हो गया है, इसलिए इनके विषय में दूसरे जानवर इतना सम्झ गए हैं कि यह खतरनाक है और हिरण जैसे जानवर दूसरे जानवरों को अलर्ट करने के लिए इन्हें देखकर अलार्म क्लॉक देते हैं।
12 चीते खुले जंगल में अभी 14 चीते बाडे मे कैद
जिससे दूसरे जानवर सचेत हो जाते हैं, पर समूह में शिकारी जानवर उन्हें पहली दफा दिखाई दे रहे हैं। दरअसल दो साल बाद कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में 12 चीते छोड़े गए हैं। इन 12 चीते में से आशा के तीन नर चीते एक समूह में, अग्नि वायु एक यूनिट में तो ज्वाला के दो नर चीते एक यूनिट के तौर पर घूमते हुए शिकार कर रहे हैं। अभी 14 चीते बाड़े में कैद है सूत्रों के अनुसार इनको भी कम कम संख्या में खुले जंगल में रिलीज किया जा सकता है।
अलग-अलग जोन में टेरिटरी बना रहे भारतीय चीते
खुले जंगल में छोड़े गए आशा के तीनों शावक जहां पार्क के नजदीक पीपलबाड़ी गेट की तरफ तो ज्वाला और उसके चारों शावक खजूरी क्षेत्र के जंगल में अपनी टेरिटरी बना रहे हैं। वहीं अग्नि वायु का डेरा इधर वीरपुर विजयपुर तरफ के जंगल में है तो धीरा भी अलग क्षेत्र में भ्रमण कर रही है। इस तरह से यह 12 चीते विभिन्न क्षेत्र में घूम फिर रहे हैं।
तेंदुए जैसे जानवर भी टकराने से कतरा रहे
कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में इन चीतों को छोड़ने से पहले यह डर बना हुआ था कि इनका सामना तेंदुओं से होगा तो दिक्कत होगी। लेकिन अब जबकि यह चीते खुले जंगल में घूम रहे हैं, तो इनका सामना कई दफा तेंदुओं से हो चुका है, पर अब तक आपस में टकराव नहीं हुआ है, क्योंकि तेंदुए जैसे जानवर भी अभी इनके समूह में घूमने से टकराव को टालते हुए गुजर रहे हैं।
कॉलर आईडी से चीतों की मॉनिटरिंग
चीतों के गले में लगी कॉलर आईडी से लगातार चीतों की मॉनिटरिंग की जा रही है। इससे यह मालूम किया जाता है कि अभी चीते की लोकेशन कहां पर है। कूनो के अधिकारी लगातार चीतों की देखरेख करते हैं और ये भी ध्यान रखते हैं कि चीतों को समय-समय पर अपना शिकार मिल रहा है या नहीं। चीतों के भोजन के लिए इसका विशेष ध्यान दिया जाता है, कूनो नेशनल पार्क में कुल 26 चीते हैं, जिसमें से 12 चीते खुले जंगल में घूम रहे हैं और अपना-अपना शिकार कर रहे हैं। बाकी बचे 14 चीते अभी कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़ो में मौजूद हैं।
शिवलिंग के पास नजर आए चीते
कूनो में संचालित फ्लाइंग केट सफारी के संचालक आदर्श गुप्ता बताते हैं कि, ''जब हम सफारी कर रहे थे उसी दौरान फॉरेस्ट चेक प्वाइंट के पास मादा चीता ज्वाला रोड क्रॉस करती दिखाई दी. फॉरेस्ट चेक प्वाइंट के पास शिवलिंग बना हुआ है. वहां पर मादा ज्वाला अपने शावकों सहित आई और सबसे पहले पास में बने एक तालाब में अपने बच्चों के साथ मिलकर पानी पिया. उसके बाद मादा चीता शिवलिंग के पास गई. उसके साथ उसके चारों शावक भी शिवलिंग के पास गए और घूमते हुए बैठे हुए नजर आए. जिसका वीडियो हमारे साथ पर्यटक बनकर गये निवेद यादव ने अपने कैमरे में कैद किया.''
पर्यटक निवेद यादव ने बताया कि, ''यह नजारा हमारे लिए बहुत सुखद और अनुभव से भरा रहा है. कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों के साथ अन्य जानवर भी दिखाई दे रहे हैं. भारत में चीतों के आने से जो कूनो नेशनल पार्क के एरिये का सौंदर्यीकरण और वी विस्तार हुआ है इससे ऐसा प्रतित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीता प्रोजेक्ट कूनो में सफल होता दिखाई दे रहा है.''