SHIVPURI NEWS - कैलाश कुशवाह ने लगाया विधानसभा में बस अधिग्रहण का करोड़ों का घोटाला

Bhopal Samachar

शिवुपरी। शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा के कांग्रेस के विधायक कैलाश कुशवाह ने शिवपुरी आरटीओ सहित मप्र की राजधानी के परिवहन विभाग को घेरने के के लिए रणनीति बनाते हुए विधानसभा में प्रश्न लगाया है। विधायक कैलाश कुशवाह ने अपने प्रश्न क्रमांक 1231 से 4 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इसमें एक जांच का हवाला है इस जांच का विषय था कि परिवहन विभाग शिवपुरी और भोपाल के दवारा "बस अधिग्रहण" में करोड़ो रुपये के फर्जी वाहन नम्बरों पर भुगतान किए जाने की शिकायत की गई थी,जांच कमेटी ने जांच भी की थी लेकिन जांच का नतीजा अज्ञात है,इस जांच को कैलाश कुशवाहा ने सरकार से मांग की है

विधायक कैलाश कुशवाह ने परिवहन विभाग के दवारा वाहनो में अधिग्रहरण करने के सबंध में जानकारी मागी है। प्रश्न क्रमांक 1231 के अनुसार विधायक कुशवाह ने पूछा है कि क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेगें कि (क) भोपाल एवं शिवपुरी जिला में वर्ष 2016 से 2024 तक मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री के किन-किन जिलों में कितने-कितने कार्यक्रम आयोजित हुए और उन कार्यक्रमों में कितनी राशि खर्च की गयी, परिवहन विभाग द्वारा कितनी-कितनी बसे किस-किस जिले में अधिग्रहण की गयी और कितनी-कितनी राशि आवंटित की गयी? कितनी राशि का भुगतान किया गया?

(ख) भोपाल एवं शिवपुरी जिला में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल द्वारा वर्ष 2016 से 2024 तक मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री के विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा कितनी-कितनी राशि व कितनी-कितनी बसे अधिग्रहण की गई?

(ग) कोरोना लॉकडाउन के तहत क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल एवं शिवपुरी जिला द्वारा कितने-कितने वाहन बसे, मैजिक गाड़ी, लोंडिग एवं सभी प्रकार के ऑटो वाहन लगवाये गये और कितनी धन राशि खर्च की गई, किन-किन फर्मों के खातों में राशि डाली गई?

(घ) क्या भोपाल एवं शिवपुरी जिला में "बस अधिग्रहण" में करोड़ो रुपये के फर्जी वाहन नम्बरों पर भुगतान किए जाने की शिकायतें की गई है, जिसकी जांच परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर को भेजी गई, परिवहन आयुक्त कार्यालय ने जांच हेतु दिनांक 25.09.2019 को दो सदस्यीय टीम गठित की गई, जांच समिति के दो सदस्यों के नाम एवं पद की जानकारी दें एवं आज तक की गई जांच के दस्तावेज उपलव्ध कराये एवं दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं फर्जी भुगतान प्राप्त करने बाले व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं की तो क्यों?