SHIVPURI NEWS - मार्च का माह खास,उड़ेगा रंग, शक्ति की उपासना होगी शुरू-खुदा की इबादत भी शामिल

Bhopal Samachar

शिवपुरी। अंग्रेजी कैलेंडर का तीसरा माह मार्च आज से शुरू होगा। यूं तो भारतीय संस्कृति में पूरे वर्षभर कई तीज-त्योहार आते हैं। लेकिन ये मार्च माह खास है, क्योंकि इस माह जहां होली के रंग बिखरेंगे तो नवसंवत्सर का भी आगाज इसी महीने हो जाएगा। यही नहीं इस माह पवित्र रमजान माह भी इस माह रहेगा, जिसमें खुदा की इबादत होगी तो अंत में ईद उल फितर मनाई जाएगी। यही नहीं मार्च के महीने में रंग पंचमी, आमला की एकादशी, पापमोचनी एकादशी से लेकर चैत्र नवरात्रि और होली जैसे बड़े पर्व भी मनाए जाएंगे और इसी महीने चंद्र ग्रहण अथवा सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है।

नवसंवत्सर भी इसी माह

मार्च माह में चैत्र माह शुरू हो जाएगा और 30 मार्च से चैत्रीय नवरात्र का भी शुभारंभ होगा। इस दौरान नव संवत्सर भी मनाया जाएगा। इससे पहले 22 मार्च को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता की पूजा की जाती है और उन्हें बासी खाने का भोग लगाया जाता है। इस पर्व शीतला माता की पूजा करके उनसे प्रार्थना की जाती है कि घर परिवार में किसी को भी किसी भी प्रकार के रोग से मुक्त रखें।

फुलेरा दौज से शुरू गणगौर पर समापन

मार्च माह की शुरुआत और समापन भी बड़े त्योहारों से होगा। यही वजह है कि आज 1 मार्च को फुलेरा दौज है, जो विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त भी मानी जाती है। जबकि मार्च का समापन 31 मार्च को गणगौर पूजा के साथ होगा। इस बीच होली, धुलेंडी, रंगपंचमी, शीतलाष्टमी, नवसंवत, गणगौर, ईदुलफितर जैसे कई बड़े तीज-त्योहार मनाए जाएंगे। यही वजह है कि पूरा मार्च माह उत्साह और उमंग भरे त्योहारों के साथ बीतेगा।

मार्च महीने के व्रत और त्योहार

इस महीने 1 मार्च फुलेरा दूज, राम कृष्ण जयंती, 7 को होलाष्टक आरंभ, दुर्गा अष्टमी व्रत, 10 मार्च आमलकी एकादशी, 11 मार्च भौम प्रदोष व्रत, 13 मार्च पूर्णिमा, होलिका दहन, होलाष्टक समाप्त, 14 मार्च को होली, पूर्णिमा मीन संक्रांति, 17 मार्च छत्रपति शिवाजी जयंती, 15 मार्च को संकष्टी चतुर्थी, 19 मार्च रंग पंचमी, 21 मार्च को शीतला सप्तमी, 22 मार्च को शीतला अष्टमी, कालाष्टमी, 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी, 27 मार्च को प्रदोष व्रत, 29 मार्च को अमावस्या, 30 मार्च को हिंदू नव वर्ष आरंभ, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत और 31 मार्च गणगौर पूजा, ईद-उल-फितर मनाए जाएंगे।