पोहरी। पोहरी के एसबीआई बैंक में किसानों को केसीसी बनवाने के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि यहां बिना रिश्वत के काम नही होता है। बिना रिश्वत वालों को यहां कागजों के नाम पर चक्कर काटना पड़ता है और जो किसान रिश्वत देते है उनका काम फटाफट हो जाता है।
केन्द्र सरकार ने किसानो की आय को दोगुनी करने के लिए और साहूकार के ब्याज से मुक्ति दिलाने के लिए किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की थी। इस योजना में किसानों को जमीन के रकवे के आधार पर एक निश्चित रकम ब्याज पर दी जाती थी,लेकिन एसबीआई बैंक प्रबंधन पोहरी द्धवारा लगातार किसानों का परेशान किया जा रहा है,यहां वह फाइल फटाफट स्वीकृत होती है जो फाइल दलालों के माध्यम से आती है अगर किसान स्वयं चलकर केसीसी बनवाने आएगा उसे केसीसी नही केवल बैंक के चक्कर लगाने पड़ते है।
पोहरी के पास के गांव जाखनौद के रहने वाले किसान भमरू कुशवाह ने बताया कि एसबीआई बैंक पोहरी में केसीसी के लिए पिछले 8 माह से फाइल लगी है। फाइल में बैंक प्रबंधन द्वारा बताए गए संपूर्ण दस्तावेज लगा दिए गए है लेकिन उसके बाद मेरा केस क्लीयर नही हुआ है। बैंक के फील्ड ऑफिसर प्रवीण सोनी लगातार मुझे चक्कर लगवा रहे है।
जाखनौद गांव के रहने वाले किसान रमेश कुशवाह ने बताया कि जुलाई माह से मेरी केसीसी के लिए फाइल लगी है सभी कागज कंपलीट है लेकिन बैंक मैनेजर प्रवीण श्रीवास्तव और फील्ड मैनेजर लगातार परेशान कर रहे है। जब चक्कर लगाते लगाते में परेशान हो गया तो मैने साहब लोगो से पूछ ही लिया कि साहब क्या चाहिए
उसके बाद बैंक के फील्ड आफिसर प्रवीण सोनी के दलाल मेरे पास आया और केस क्लियर कराने के नाम पर 10 हजार रुपए की डिमांड कर डाली,मैंने कहा कि अपनी जमीन बैंक को गिरवी रखकर ब्याज से पैसा ले रहा हूं अगर मेरे पर पैसा होता तो में कर्जा क्यों लेता। किसान रमेश कुशवाह ने बताया कि जो किसान पैसा देता है उसका काम तत्काल हो जाता है।