शिवपुरी। ग्वालियर बायपास से आगे सरकारी कुएं की जमीन नगर पालिका की फर्जी एनओसी के जरिए रजिस्ट्री कराने के मामले में रसूखदारों को बचाने में बड़ा खेल हुआ है। 13 मार्च को जारी आदेश में प्रसिद्ध कालोनाइजर बद्री धाकड़ की पत्नी सुशीला धाकड़ और नमकीन विक्रेता सतीश अग्रवाल की पत्नी मंजू अग्रवाल सहित सभी लोगों पर एफआइआर के आदेश दिए गए थे। इसके छह दिन बाद 18 मार्च को नया आदेश जारी हुआ। इसमें रसूखदारों को बाहर कर दिया गया।
अब फिजिकल थाना पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। इसमें दलाल राजेश कुशवाह, रामनिवास रावत सहित नौ लोग शामिल हैं। जबकि कालोनाइजर एवं नमकीन विक्रेता की पत्नी का एफआइआर में कोई उल्लेख ही नहीं है। जिस सरकारी जमीन की रजिस्ट्री हुई है, उसका बाजार मूल्य करीब पांच करोड़ है। जिसे महज 27.60 लाख रुपये में बेच दिया गया।
फिजिकल थाना पुलिस ने इस मामले में नगर पालिका की फर्जी एनओसी के जरिए जमीन बेचने के मामले में विक्रेता सीताराम गौड़ पुत्र मिठूलाल गोड़ निवासी राम स्टील के पीछे, विजय गोड़ पुत्र मिट्ठू लाल गौड़ निवासी घोसीपुरा कमलागंज, कन्हैया गौड़ पुत्र मिट्ठू लाल गोड़ निवासी राजेंद्र प्रसाद, रवि विश्वकर्मा पुत्र मिट्ठू लाल गोड़ निवासी कमलागंज, धन्नो पुत्र मिट्ठू लाल गौड़ निवासी कमलागंज, आनंदी पुत्री मिट्ठू लाल गौड़ निवासी करोदी कालोनी, महादेवी विश्वकर्मा पुत्री राजू सक्सेना निवासी कमलागंज, दलाल राजेश पुत्र जगदीश प्रसाद अग्रवाल निवासी चंदनपुरा, रामनिवास रावत के खिलाफ धारा 318 (4) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है।
एसडीएम के आदेश में नाम जरूर, पर एफआइआर से गायब एसडीएम उमेश कौरव ने 18 मार्च को जारी आदेश में लिखा है कि नगर पालिका सीएमओ ने 25 अक्टूबर 2024 को पत्र लिखकर बताया कि आवेदक कन्हैयालाल गोड़ कमलागंज एवं रवि गोड़ ने आवेदन दिया था।
जिसमें शिकायत की थी कि शहर के बड़े कॉलोनाइजर बद्री प्रसाद धाकड़ की पत्नी सुशीला निवासी विवेकानंद कालोनी, नमकीन विक्रेता सतीश अग्रवाल की पत्नी अंजू निवासी पानी की टंकी फिजिकल कालेज के पास ने फर्जी एनओसी के आधार पर दलाल जगदीश कुशवाह के साथ मिलकर रामनिवास रावत, बद्री धाकड़, सतीश अग्रवाल, सुशीला धाकड़, मंजू अग्रवाल, सीताराम गोड़, विजय गोड़, कन्हैया गोड़, रवि विश्वकर्मा धन्नो गोड़, आनंदी गोड़, महादेवी विश्वकर्मा के साथ विक्रय पत्र संपादित कराया। दिलचस्प बात ये है कि आवेदन देने वाले का नाम भी एफआइआर में है।
सरकारी जमीन फर्जी तरीके से बेचने के मामले में विक्रेता और अन्य के खिलाफ एफआइआर हो चुकी है। पुलिस जांच में अन्य जो लोगों के नाम सामने आएंगे तो उन पर भी केस कुछ दर्ज किया जाएगा। चर्चाओं का क्या है कोई भी कह सकता है, ये सब निराधार बकवास है, लेनदेन व नाए हटाने जैसा कुछ भी नहीं है।
उमेश कौरव, एसडीएम, शिवपुरी।