SHIVPURI NEWS - प्रदेश में सबसे फिसड्डी है शिवपुरी EKYC में, वीडियो कांफ्रेंसिंग में फटकार

Bhopal Samachar

शिवुपरी। प्रदेश में उचित मूल्य की दुकानों पर प्रतिमाह मिलने वाला राशन मृत व्यक्ति ले रहे हैं। ये खुलासा होने के बाद ईकेवायसी को लेकर खाद्य विभाग में सख्ती शुरू हुई। उचित मूल्य की दुकानों पर ही ईकेवायसी होना है। दिलचस्प बात ये है कि यह व्यवस्था शुरू से ही थी, लेकिन कभी ईकेवायसी को गंभीरता से नहीं लिया गया।

कंट्रोल संचालक तो इस तरफ ध्यान देने से रहे और विभागीय अफसर भी चुप्पी साधे बैठे रहे। अब जब शासन स्तर से सख्ती हुई तो अफसर मैदान में निकले हैं। यदि शिवपुरी जिले की बात करें तो पूरे ईकेवायसी के मामले में प्रदेश में सबसे खराब स्थिति है। हाल ही में वीडियो कांफ्रेसिंग में फटकार झेलने के बाद जिले के अफसर केबिन से बाहर निकले हैं, तब जाकर आंकड़ा 50 प्रतिशत के ऊपर पहुंचा है।

दरअसल ई केवाईसी कराने का उद्देश्य ही ये था कि परिवार में जो सदस्य मर चुके हैं, उनके नाम वेरीफाई करके हटाया जा सके। कंट्रोल दुकानदार इस पर इसलिए ध्यान नहीं देते क्योंकि उनको काम वेगार लगता है। साथ ही उनके अपने हित भी प्रभावित होते हैं। वहीं जिन जिम्मेदारों के कंधे पर इस काम को पूरा कराने की जिम्मेदारी है,  वह दफ्तरों में बैठकर ही इसकी मॉनिटरिंग करते रहे। जिसका खामियाजा यह हुआ कि ईकेवायसी के काम को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया गया।

7 दिन में हुई 85 हजार ईकेवायसी

जिले के खाद्य विभाग के अफसर तो अब भी नींद से नहीं जागते, लेकिन हाल में भोपाल की वीसी में शिवपुरी को जब फटकार झेलना पड़ी तो अफसरों को केबिन से बाहर निकलना पड़ा। तब कहीं बीते 7 दिन में करीब 85 हजार ईकेवायसी हुई है। जिससे आंकड़ा 56 प्रतिशत तक पहुंचा है प्रभार के भरोसे चल रहा कामः जिले में फूड कंट्रोलर की जिम्मेदारी इस समय डिप्टी कलेक्टर ममता शाक्य के पास है। कुल मिलाकर अतिरिक्त प्रभार है। इसी प्रकार जिले में आठ ब्लाक हैं, लेकिन फूड इंस्पेक्टर केवल पांच है। ऐसे में अधिकांश के पास एक से अधिक ब्लाक का चार्ज है।

इनका कहना है
हमने पिछले 7-8 दिन में करीब 85 हजार ईकेवायसी की है। लगातार काम कर रहे हैं। यह काम सेल्समैन को करना है। पहले उनके द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया गया, लेकिन अब काम तेज गति से हो रहा है।
ममता शाक्य, प्रभारी फूड कंट्रोलर एवं डिप्टी कलेक्टर।