SHIVPURI NEWS - प्रशासनिक विफलता का प्रतीक है शिवपुरी जिले में यह 7 मौतें

Bhopal Samachar

नरेन्द्र जैन । शिवपुरी जिले का इतिहास का यह पहला मामला होगा कि जिले में नाव डूबने से 7 लोगों की मौत एक साथ हुई है। प्रशासनिक विफलता का प्रतीक है यह 7 मौते। इस घटना के बाद घटनास्थल पर अधिकारियों और नेताओं को जमावड़ा लगा है। प्रशासन अब पूरी तरह से मुस्तैद है। घटनास्थल पर ही टेंट लगाकर मृतकों का पीएम किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी मृतकों के परिवार को सांत्वना देते हुए दुख प्रकट किया है साथ ही 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के रूप में मृतकों के परिवारों को देने की घोषणा कर दी।

डूब क्षेत्र में आ गया यह मंदिर
खनियाधाना तहसील में आने वाले राजावन  के लोगो के श्रद्धा का यह सिद्ध बाबा मंदिर कभी गांव में ही हुआ करता था लेकिन माताटीला बांध के डूब क्षेत्र में आने के कारण यह मंदिर जलभराव के बीचो बीच स्थित एक टापू पर आ गया। अब इस मंदिर पर जाने के लिए जमीन का रास्ता नहीं जल के रास्ते जाना होता है।

बीते मंगलवार को होली की चौथ थी और इस गांव के लोग बुंदेलखंडी फाग मनाते है इसी उत्सव के  क्रम में इस आस्था के प्रतीक सिद्ध बाबा मंदिर पर गांव के लोग प्रतिवर्ष इस मंदिर पर नाव पर सवार होकर मंदिर जाते है और रंग,गुलाल चढाते है यह इस साल ही नही हर वर्ष गांव के लोग पीढियों से जा रहे है।

प्रशासन ने नहीं किए थे काई इंतजाम
होली के बाद आने वाली चौथ पर ग्रामीण इस मंदिर पर रंग,गुलाल चढाने जाते है,लेकिन प्रशासन ने यहां कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए थे। यहां पर किसी भी प्रकार के नियम लागू नहीं किए गए। नाव में बैठने वाले लोगों को लाइफ जैकेट नाव चलाने वाले लोग दे रहे है कि नहीं,एक नाव की क्षमता कितनी है और कितने लोग उस पर सवार हो सकते है इस प्रकार की कोई गाइडलाइन वहां पर लागू नहीं थी। कम से कम होली के चौथ पर तो प्रशासन को यह इंतजाम करना था।

गाइड लाइन नही थी इस कारण ही डूबी नाव
एक नाव पर 15 लोग सवार,इस नाव की क्षमता 10 लोगों की बताई जा रही है। वजन क्षमता से अधिक भार होने के कारण नाव पीछे की ओर से डूबने लगी,या यह भी हो सकता है कि नाव चलाने वाले नाविक ने सवारी के अनुपात में नाव का बैलेंस नहीं बनाया हो इस कारण नाव पीछे की ओर से डूबने लगी और माताटीला बांध के गहरे पानी में समा गई।

क्या होता है यहां चौथ के दिन
खनियाधाना से रेडी चौराहे से होते हुए रंजावन और बसहर गांव से निकलते हुए खेतों के रास्ते से लगभग एक किलोमीटर चलने के बाद माताटीला डैम के डूब क्षेत्र के किनारे पर पहुचते है इसके बाद नाव के द्वारा इस मंदिर पर जाया जाता है। इस क्षेत्र के रजावन,मुहारी,खिरकिट,चमरौआ,बिजरावन कियारा और बसाहर गांव के श्रद्धालु होली की चौथ फागुन का उत्सव मनाते है जिसमें सिद्ध बाबा मंदिर पर साटोरिया पर रंग और गुलाल चढ़ाया जाता है फिर ढोल की थाप पर बुंदेलखंडी फाग गीतो पर नृत्य कर मनाया जाता है। हर वर्ष इस उत्सव को मनाने लगभग 2 सैकड़ा श्रद्धालु इस टापू नुमा मंदिर पर जाते है इसमें महिलाए,पुरुष सहित बच्चे भी शामिल होते है।

क्या हुआ था मंगलवार को
बताया जा रहा है कि हर बार मंदिर का पुजारी ही नाव चलाता है लेकिन उत्सव का दिन होने के कारण पुजारी मंदिर पर था। मंगलवार की शाम दो नाव किनारे पर खडी थी एक नाव को 18 वर्ष का प्रदीप लोधी निवासी रजावन चला कर ले गया। ग्रामीणों ने बताया कि पुजारी 8 लोगो से अधिक सवारी इस नाव पर नहीं लेता है लेकिन प्रदीप लोधी ने 15 लोगो को इस नाव पर सवार कर लिया और यह नाव बीच गहरे पानी में पीछे की ओर से उठ कर पलटकर डूब गई।

किनारे पर खड़े लोगों ने 8 लोगों को बचाया
इस घटना में 2 लोग भी सामने आए हैं जिन्होंने न केवल बहादुरी दिखाई बल्कि मानवता का भी परिचय दिया है। ये हैं राजावन निवासी शीतल जाटव और प्राणसिंह। जैसे ही इन्होंने देखा कि मंदिर के पास आ रही नाव पानी में डूब रही है। तत्काल दूसरी नाव लेकर यह उसे दोनों उस क्षेत्र में पहुंचे और लोगों को बचाने में मदद की। इस घटना के दौरान आठ लोग सुरक्षित बाहर आ पाए दुर्भाग्यपूर्ण 7 लोग पानी में डूब गए लेकिन जिस प्रकार शीतल जाट और प्राण सिंह लोधी ने घटना के समय तत्परता दिखाई उससे कई लोगों की जान बचाने में मदद मिली। आज सुरक्षित बाहर आए लोग इनका शुक्रिया कर रहे हैं।

14 साल का साहसिक बच्चा
इस घटना में एक 14 साल के बच्चे ने भी साहसिक परिचय दिया है। एक 14 साल का बच्चा जो उस समय नाव में सवार था जब नाव डूबने लगी तब भी बच्चे का साहस कम न हुआ। उसने न केवल अपने आप की जान बचाई बल्कि अपनी ताई और अपनी मां की जान बचाने में भी वह कामयाब रहा। बच्चों की चतुराई से कुछ देर तक पानी में रहे, तब तक वहां दूसरी नाव पहुंची, जिसमें ग्रामीण प्राणसिंह लोधी और शीतल जाटव थे और उन्होंने मदद की। इस प्रकार उस समय आठ लोगों की जान बच गई

हादसे में इनकी मौत
शारदा पति इमरत लोधी (55)
लीला पति रामनिवास लोधी (40)
चाइना पिता लज्जाराम लोधी (14)
कान्हा पिता कप्तान लोधी (07)
रामदेवी पति भूरा लोधी (35)
शिवा पिता भूरा लोधी (08)
कुमकुम पिता अनूप लोधी (15)

इन 8 लोगों को बचाया
शिवराज पिता हरिराम लोधी उम्र 60 साल
सावित्री पति अनूप लोधी (40)
जानसन पिता अनूप लोधी (12)
गुलाब पिता जगदीश लोधी (40)
लीला पति सूरी सिंह लोधी (45)
रामदेवी पति प्राण सिंह लोधी (50)
उषा पति लाल सिंह लोधी (45)
प्रदीप लोधी पिता कृपाल लोधी (18) (नाविक)