SHIVPURI NEWS - जिले के 3 ब्लैक स्पॉट को खत्म करने की तैयारी, कलेक्टर ने बनाई कमेटी

Bhopal Samachar

शिवुपरी। शिवपुरी जिले की सीमा से 3 हाईवे निकलते है। इन हाइवो पर 3 स्थान ऐसे है जिनको ब्लैक स्पॉट का नाम दिया गया है। यहां पर साल में आधा दर्जन या उससे अधिक एक्सीडेंट होते है। इन ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए प्रशासन ने प्रयास तेज कर दिए है। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने अब इन हाइवे के ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है।


जिसका काम इन स्पोर्ट का निरीक्षण करने के बाद हादसों को रोकने के लिए क्या प्रयास किए जाएं इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी। यह रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपने के बाद इस दिशा में काम शुरू होगा। कमेटी अगले 8 दिन में निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगी। उधर शहर में भी सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात पुलिस ने जरूरी कदम उठाए हैं। इसमें विशेष रूप से गलत साइड से आने वाले वाहनों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई है।

2024 में 342 लोगों की सड़क हादसे में मौत
दरअसल जिले से गुजरने वाले हाईवे पर ब्लैक स्पॉट तो पहले ही चिह्नित किए जा चुके थे, लेकिन इनको खत्म करने के लिए अभी तक कोई प्रभावी प्रयास नहीं किए गए। जिससे यहां आए दिन हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। जिले में वर्ष 2024 में 1082 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 342 लोग अपनी जान गंवा चुके है।

यह है जिले के ब्लैक स्पॉट
कलेक्टर द्वारा गठित की गई कमेटी सतनबाड़ा थाना क्षेत्र के खूबत घाटी, कोलारस थाना क्षेत्र के देहरदा चौराहा, बदरवास थाना क्षेत्र के ईश्वरी रेलवे पुल का निरीक्षण करेगी। इस कमेटी में संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी, ट्रैफिक प्रभारी, सर्किल एसडीओपी और एनएचएआई के इंजीनियर शामिल होंगे। इससे पूर्व प्रशासन ने 2 साल पूर्व भी इन जगहों का निरीक्षण किया था लेकिन 2 साल में इन स्थानों पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस मामले में  सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी ब्लैक स्पॉट 5 साल के भीतर समाप्त करने का प्रावधान है।

इस प्रकार की कमियों के कारण ब्लैक स्पॉट
खूबत घाटी हाइवे की खामी सभी को पता है। यहां अंधा मोड़ होने के कारण वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होते हैं। ट्रैफिक पुलिस और एनएचएआई के इंजीनियरों के बीच इसको लेकर चर्चा भी हुई है। इसके बाद एनएचएआई के अफसरों ने रेडियम लगाने की बात कही थी। मुश्किल यह है कि रेडियम हाइवे पर सीधे मार्ग पर तो काम करता है, लेकिन अंधे मोड़ की समस्या इससे दूर नहीं होने वाली है। इसके लिए हाईवे के स्ट्रक्चर में ही सुधार करने की जरूरत है। अब कमेटी की रिपोर्ट के बाद इसी प्रकार के काम किए जाएंगे। इसी प्रकार की समस्या अन्य हाईवे पर भी है।

ब्लैक स्पॉट की पहचान
किसी सड़क, हाईवे, एक्सप्रेस वे पर अगर एक ही जगह तीन साल में पांच सड़क हादसे हो जाएं,किसी जगह पर तीन साल में दस मौत हो जाएं,हादसे के आस-पास का 500 मीटर का एरिया ब्लैक स्पॉट माना जाता है।  

वाहनों पर लगा रहे रेडियम
यातायात प्रभारी रणवीर यादव ने बताया कमेटी जल्द ही निरीक्षण करेगी। शहर में भी हमने हादसे रोकने के लिए जिन मार्गों से सबसे अधिक वाहनों का गलत साइड से आवागमन होता है, वहां हमने बैरिकेडिंग का काम शुरू कर दिया है। यहीं ऑटो पार्किंग के लिए हमने करीय 15 स्थान चिन्हित किए हैं, जिस पर आगे नगर पालिका को काम करना है। लोडिंग एवं ट्रेक्टरों पर हम रेडियम लगाने का काम कर रहे हैं।

इनका कहना है
ब्लैक स्पॉट कुछ खत्म किए जा चुके है. कुछ अब भी बचे हैं। इन ब्लैक स्पाट को खत्म करना हमारी प्राथमिकता है. जिससे सड़क हादसों को रोका जा सके। इसके लिए हमने कमेटी बनाई है, जो इसके लिए काम करेगी। -
रवीन्द्र कुमार चौधरी, कलेक्टर