SHIVPURI NATIONAL PARK के टाइगर रिजर्व बनने के बाद बढ सकता है 10 गुना बजट

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले को मीडिया पिछले कई वर्षो से शिवपुरी जिले को पर्यटक नगरी के नाम से अपनी खबरों में उल्लेखित करती आ रही है,लेकिन शिवपुरी जिले में लगातार टूरिज्म घट रहा था,पिछले 2 वर्षो में शिवपुरी जिले के लिए टूरिज्म के लिए लगातार काम हो रहे इससे अब उम्मीद है कि शिवपुरी में टूरिज्म बढ़ेगा और पर्यटक उद्योग को पंख लग सकते है। माधव नेशनल पार्क को अब टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल चुका है। 10 मार्च को पार्क में एक नर और मादा टाईगर आने वाले है,इस कारण अब पार्क में टाईगरो को संख्या बढ़कर 5 हो जाएगी वही 2 शावक भी पार्क के जंगलों में मौजूद है,अब टोटल संख्या 7 लिख सकते है।

2 साल पूर्व माधव नेशनल पार्क की  कुल सीमा 375 वर्ग किमी थी, लेकिन अब यह कोर एरिया बन जाएगा। जहां किसी भी प्रकार की गतिविधि प्रतिबंधित होगी। जबकि 1276 किमी का बफर जोन मतलब सामान्य वन क्षेत्र होगा। इससे आमजन का एरिया जरुर घट जाएगा। इस प्रकार कुल एरिया 1651 वर्ग किमी का होगा।

उधर कूनो नेशनल पार्क का एरिया पहले ही 542 वर्ग किमी बढ़ाया जा चुका है। जिससे अब जहां टाइगर की सीमा खत्म होगी, वहां से चीतों का इलाका शुरू हो जाएगा। साथ ही बजट में भी करीब दस गुना तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद एक अघोषित कॉरिडोर तैयार हो जाएगा। क्योंकि श्योपुर से राजस्थान के रणथंभौर की सीमा लगी है। ऐसे में शेर चीतों के विचरण का इलाका अब शिवपुरी, श्योपुर से राजस्थान तक बढ़ जाएगा।

हालांकि इससे वंश वृद्धि की उम्मीद भी बढ़ गई है। टाइगर रिजर्व बनने के बाद सतनवाड़ा रेंज, शिवपुरी रेंज, कोलारस रेंज का कुछ हिस्सा, करैरा रेंज का कुछ हिस्सा भी इसमें शामिल होगा। वर्तमान में टाइगर रिजर्व में 3 टाइगर और दो शावक हैं। 10 मार्च को एक नर और एक मादा टाइगर भी आने वाले हैं।

बढ सकता है 10 गुना बजट

इस वर्ष माधव नेशनल पार्क को करीब 80 लाख का बजट मिला है। अन्य टाइगर रिजर्व को 12-13 करोड़ तक बजट मिलता है। ऐसे में यदि शिवपुरी टाइगर रिजर्व को 10 करोड़ भी बजट मिलता है तो इसे दस गुना तक बढ़ोतरी माना जा सकता है। वहीं वर्तमान में टाइगर रिजर्व में 4 हाई मास्ट कैमरे और कूनों में 8 कैमरे लगे हैं। इन कैमरों की रेंज करीब डेढ़ किमी रहती है। साथ ही यह रात में भी हर हरकत को कैद कर सकते हैं। इन कैमरों को विशेष रूप से जंगल और आबादी क्षेत्र के बीच में लगाया जाता है, जिससे जानवर आबादी क्षेत्र में तो नहीं जा रहे इस पर नजर रखी जा सके। अब एरिया बढ़ने के बाद टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने 4-5 स्पाट और तय किए हैं, जहां हाई मास्ट कैमरे लगाने होंगे। इस प्रकार टाइगर रिजर्व में भी कैमरों की संख्या बढ़कर 8 हो जाएगी।

3451 वर्ग किमी का एरिया बाघ-चीतों का होगा

कूनो नेशनल पार्क का एरिया अब 1777 वर्ग किमी हो चुका है। टाइगर रिजर्व का कुल एरिया 1651 वर्ग किमी होगा। इस प्रकार टाइगर और चीतों का इलाका 3451 किमी का होगा। जिसमें जंगली जानवर आसानी से विचरण कर सकेंगे। अभी टाइगर रिजर्व में केवल वन क्षेत्र को ही शामिल किया जा रहा है, जिससे विस्थापन जैसी समस्याओं का सामना कम ही करना होगा। साथ ही वन क्षेत्रों स्टाफ भी टाइगर रिजर्व बनने के बाद अधीन हो जाएगा।

इनका कहना है

टाइगर रिजर्व बनने के बाद एरिया  बढ़ेगा। इसके अनुपात में साधन संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे। ढाई साल पहले जब मैने प्रभार संभाला था तब हमारे अंतर्गत आने वाले कूनों और माधव नेशनल पार्क का कुल एरिया करीब 1600 वर्ग किमी था. जो अब दोगुना यानी करीब 3451 से जाएगा। ऐसे में कॉरिडोर तो तैयार हो ही जाएगा। टाइगर की सुरक्षा की दृष्टि से कोर एरिया में सभी प्रकार की गतिविधियां पूरी तरह से प्रतिबंधित रहती है। उत्तम शर्मा, संचालक सिंह परियोजना