शिवपुरी। प्रदेश के 9वें माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी को 7 मार्च को दर्जा मिला है। इसके पांच दिन बाद ही प्रदेश सरकार का बजट आना टाइगर रिजर्व के लिए बड़ी खुशखबरी साबित हुआ है। क्योंकि इसमें टाइगर रिजर्व के लिए 25 करोड़ का प्रविधान किया गया है। खास बात ये है कि पहले माधव नेशनल पार्क का कुल क्षेत्र 375 वर्ग किमी था। अब ये कोर एरिया है और 1276 वर्ग किमी का बफर जोन है। इस क्षेत्र को सुरक्षित करना जरूरी है, साथ ही यहां जल स्त्रोतों के साथ ही कई अन्य कार्य भी होना है।
दरअसल प्रदेश सरकार के बजट में विशेष रूप से प्रदेश के नौ टाइगर रिजर्व से लगे 5400 वर्ग किमी के बफर जोन में तार फेंसिंग कर सुरक्षित करने का उल्लेख किया गया है। शिवपुरी का टाइगर रिजर्व नया बना है, साथ ही बाघों की संख्या बढ़ रही है। जिससे यहां नए जल स्त्रोत संरचनाएं तैयार करना होगी। वन क्षेत्र को सबसे अधिक आग लगने की घटनाओं से होता है।
इससे वन संपत्ति के साथ ही वन्य जीवों को भी खतरा होता है। इसके चलते बजट में अग्नि सुरक्षा को लेकर भी प्रविधान किया गया है। दरअसल राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से सालाना 8-10 करोड़ बजट मिलेगा। जिसका उपयोग साल भर प्रबंधन पर होगा। अब राज्य सरकार से बजट मिलने से प्रबंधन अधिक काम कर सकेगा।
इन पर खर्च होगा पैसा
• ग्रामीणों के लिए संरचनाओं का निर्माण एवं उनका रखरखाव कार्य कराया जाएगा।
• कौशल उन्नयन किया जाएगा।
• ईको विकास कार्य होगा।
• हैबीटेट सुधार होगा।
• अग्नि सुरक्षा कार्य होगा।
• वन सुरक्षा कार्य।
• जल स्रोतों का विकास होगा।
इनका कहना हैं
राज्य सरकार ने बजट में यदि 9 टाइगर रिजर्व के लिए प्रविधान किया है तो निश्चित ही यहां के लिए भी बजट मिलेगा। हालांकि यह तो एकमुश्त बजट है, अब विभाग हमें कितना जारी करता है तब ही हमें पता चलेगा। पैसा मिलेगा तो तार फेंसिंग, जल स्त्रोत संरचनाओं के निर्माण अधिक बेहतर तरीके से होगा।
प्रियांशी राठौड़, डीएफओ माधव टाइगर रिजर्व, शिवपुरी