KUNO NATIONAL PARK: खुले जंगल मे युवा इंडियन चीतों का राज, इंडियन बचाएंगे प्रोजेक्ट की लाज

Bhopal Samachar

भोपाल। मध्यप्रदेश के शिवपुरी-श्योपुर जिले की सीमा पर स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों की कुनबे में इंडियन चीतों की संख्या बढ़ती जा रही है। भारत की धरती पर जन्मे चीतों के कारण यह प्रोजेक्ट सफलता की ओर बढ रहा है। वर्तमान समय की बात करे तो कूनो की जंगल में 17 चीते खुले जंगल में विचरण कर रहे है इसमे से 6 चीते व्यस्क है जो विदेशी है और 11 शावक है जिन्होने कूनो की धरती पर जन्म लिया है। इस कारण यह लिख सकते है कि कूनो की धरा पर अब इंडियन युवा चीतों का राज है।

कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में कुल 26 चीते हैं, जिनमें 14 भारतीय शावक चीता हैं। इनमें से अब 17 चीते (6 वयस्क और 11 शावक) खुले जंगल में हो गए हैं, जबकि चीते (6 वयस्क और 3 शावक) बाडे के बंधन में है।

आशा ने दिखाई उम्मीद की राह

आशा-ज्वाला के शावकों ने राह की आसान पिछले फरवरी माह में एक पखवाड़े के भीतर मादा चीता आशा और ज्वाला को उनके शावकों संग खुले जंगल में छोड़ा गया था। यही वजह है कि दोनों के शावकों ने पिछले एक से डेढ़ माह के भीतर खुले जंगल में बेहतर तरीके से सर्वाइव किया है, लिहाजा कूनो प्रबंधन ने इन्हीं के अध्ययन के आधार पर अब गामिनी और उसके 4 शावकों को खुले में आजाद किया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि गामिनी के शावकों को भी कूनो का खुला जंगल खूब रास आएगा।

माता चीता गामिनी ने दिया था 6 शावकों को जन्म

सोमवार को बड़े बाड़े से निकालकर खुले जंगल में छोड़े गए गामिनी और उसके शावक स्वस्थ हैं। इन शावकों में 2 नर व 2 मादा हैं और लगभग एक साल के हैं। दक्षिण अफ्रीका से लाई गामिनी ने 10 मार्च 2024 को 6 शावकों को जन्म दिया था, जिसमें से 2 की मौत हो गई और 4 जीवित हैं, जिन्हें सोमवार को खुले जंगल में छोड़ा गया। इन चारों का वजन 42 से 46 किलो तक है, यानी ये अपनी मां के वजन के बराबर है।

पहली बार खुले जंगल में 10 से ज्यादा चीते

कूनो में चीता प्रोजेक्ट के तहत ये पहली बार है जब खुले जंगल में 10 से ज्यादा चीते हैं। इससे पहले वर्ष मार्च से मई 2023 में 3 चीते बार छोड़े गए थे, लेकिन जुलाई 2023 में हुई कुछ चीतों की मौत के बाद अगस्त 2023 में सभी चीतों को वापस बाड़ों में शिट कर दिया था।

इसके बाद बीच-बीच में कुछ चीते छोड़ गए और उनके कूनो से बाहर निकलने के कारण उन्हें वापस बाड़ों में शिट करना पड़ा। यही वजह है कि अब नए अध्ययन और नई तैयारियों के साथ फिर से कूनो प्रबंधन ने दिसंबर माह से चीतों को खुले में छोडना शुरू किया और 4 दिसंबर 2024 से 17 मार्च 2025 के बीच लगभग साढ़े 3 माह की अवधि में 11 शावक सहित 17 चीते छोड़े जा चुके हैं।

प्रोजेक्ट अब सफलता की ओर

चीता प्रोजेक्ट ने पिछले सालो मे कई उतार चढाव देखे है। जब विदेशी चीतो को खुले जंगल में छोडा गया था तो लगातार किसी ना किसी कारण  उनकी मौत हो रही थी। इस प्रोजेक्ट पर पूरे विश्व की नजर है क्यो ही यह विश्व का पहला प्रोजेक्ट है जब किसी दूसरे महाद्वीप से किसी जानवर को लाकर बसाने की कवायद हुई है। विदेशी चीते कूनो के वातावरण में ढल नहीं पा रहे थे इस कारण ही उनकी मौत हो रही थी। अब कूनो की धरती पर ऐसे चीतों की संख्या अधिक है जो कूनो में ही जन्मे है इसलिए लिख सकते है कि इस प्रोजेक्ट लाज युवा इंडियन चीतो ही बचा सकते है।