भोपाल। मध्य प्रदेश के शिवपुरी—श्योपुर जिले की सीमा पर स्थित कूनो अभयारण्य (Kuno Wildlife Sanctuary) में प्राचीनतम मानव सभ्यता के प्रमाण मिले हैं। यहां कप मार्क्स के रूप में बने अति प्राचीन पेट्रोग्लिफ्स (शैलचित्र) की महत्वपूर्ण खोज की गई है। प्रोफेसर गिरिराज कुमार, वरिष्ठ पुराकला विशेषज्ञ एवं रॉक आर्ट सोसायटी के अध्यक्ष, ने इनके 10,000 वर्ष पुराने होने का दावा किया है।
कप मार्क्स चट्टानों पर हथौड़े के माध्यम से बनाए गए गोल निशान होते हैं, जो प्रागैतिहासिक मानव की गतिविधियों के संकेतक हैं। इस महत्वपूर्ण खोज में करीब 20 ऐसी चट्टानें मिली हैं, जिन पर ये पेट्रोग्लिफ्स उकेरे गए हैं।
भानपुरा और चंबल क्षेत्र में प्राचीन विरासत
प्रोफेसर गिरिराज कुमार ने इससे पहले भी मंदसौर जिले के भानपुरा और चंबल क्षेत्र में पुरातात्विक अध्ययन किए हैं। उन्होंने इंदरगढ़ की पहाड़ियों में स्थित दर की चट्टानों का वैज्ञानिक अध्ययन भारतीय और विदेशी विद्वानों के सहयोग से किया। शोध के अनुसार, दर की चट्टानें लाखों वर्ष पुरानी हैं और विश्व में सबसे प्राचीन पेट्रोग्लिफ्स इनमें मौजूद हैं।
खोजकर्ता रवि विक्रम टेलर की अहम भूमिका
भानपुरा निवासी रवि विक्रम टेलर इस खोज के प्रमुख अन्वेषक हैं। वे प्रो. गिरिराज कुमार के साथ लगभग 25 वर्षों से कार्य कर रहे हैं और आर्ट ऑफ सोसाइटी इंडिया के आजीवन सदस्य हैं। इससे पहले रवि ने रामपुरा के पास आमद और झालावाड़ के भीमसागर डैम की पहाड़ियों पर पेट्रोग्लिफ्स खोजे थे।