चंद पैसों का लालच ने बच्चों की बहुमूल्य किताबे कर दी रद्द,पढिए मामला  

Bhopal Samachar

कोलारस। कोलारस के ग्राम लुकवासा में स्थित एकीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय लुकवासा में बच्चों को बांटने के लिए आई किताबों को रखे रखे रद्दी कर दीं। जब इन किताबों को चोरी छिपे बेचने का प्रयास किया जा रहा था तभी किसी के आ जाने पर स्कूल के शिक्षक किताबों को बिखरा हुआ छोड़कर भाग गए।

जानकारी के अनुसार लुकवासा एकीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय का एक स्कूल रविवार को इंटरनेट मीडिया पर बहुत प्रसारित हो रहा है। इस फोटो में स्कूल की किताबें बिखरी हुई पड़ी नजर आ रही हैं। यह किताबें स्कूलों में अध्यनरत बच्चों को बांटने के लिए आई थीं, परंतु स्कूल के शिक्षकों ने उक्त किताबें बच्चों को बांटने की बजाय स्कूल के स्टोर रूम में ही रखे रहे। अब यह किताबें रद्दी हो गई हैं।

स्कूल से जुड़े विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि स्कूल शिक्षा विभाग के कर्ताधर्ता इन किताबों को बेचने का प्रयास कर रहे थे, तभी किसी के आ जाने के कारण रद्दी को ठिकाने लगाने का प्रयास करने वाले किताबों को बिखरी हुई छोड़कर स्कूल में ताला लगाकर भाग गए। हालांकि इस संबंध में जब स्कूल के प्रभारी देवीलाल दिवाकर से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि वह इस विषय पर किसी से कोई बात नहीं करना चाहते हैं।

वहीं सीएसी सुरेश चंद्र त्यागी से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने पहले तो इन किताबों को लाइब्रेरी की किताबें बताया, बाद में वह यह कहते नजर आए कि पिछले साल किताबें अधिक आ गई थीं, इसलिए बच गईं। वहीं दूसरी ओर पूरे जिले की बात करें तो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे महीनों तक किताबों के लिए तरसते रहे, लेकिन उन्हें पढ़ने के लिए किताबें मुहैया नहीं कराई गईं।

शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो कई स्कूलों में जानबूझ कर रद्दी कर दिया जाता है ताकि उन्हें बेचकर पैसा बनाया जा सके। यहां बताना होगा कि कुछ महीने पहले भाँती स्कूल में भी रद्दी की गई किताबों को कबाड़ी को बेचे जाने का मामला सामने आया था। हालांकि उस मामले को बाद में रफा दफा कर दिया गया।