शिवपुरी। इस डिजिटल युग में साइबर से संबंधित अपराध प्रत्येक दिन सुनने को मिलते हैं। हर हाथ में मोबाइल है इस कारण हर मोबाइल धारी साइबर ठगों का निशाना है। इस कारण मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने साइबर अपराधों की रोकथाम और समाज को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के प्रयोजन से साइबर सुरक्षा जन जागरूकता अभियान "सेफ क्लिक" 1 जनवरी से 11 जनवरी तक प्रदेश के सभी जिलों की पुलिस को दिए है।
शिवपुरी पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ द्वारा जिले के समस्त अनुभागीय अधिकारियों एवं थाना प्रभारी को अपने-अपने क्षेत्र में वृहद स्तर पर स्कूल, कॉलेज, सार्वजनिक स्थान आदि में आमजन को साइबर सुरक्षा संबंधी जागरूक कार्यक्रम करने हेतु निर्देशित किया गया है
शिवपुरी अनुविभाग के एसडीओपी संजय चतुर्वेदी, थाना प्रभारी सतनवाड़ा एवं साइबर टीम द्वारा सतनबाड़ा इंजीनियरिंग कॉलेज में, एसडीओपी पिछोर द्वारा ई-3 पब्लिक स्कूल भौती में, एसडीओपी करैरा द्वारा क्रिकेट ग्राउंड मगरौनी में, एसडीओपी कोलारस द्वारा विकास मैरिज गार्डन में, अनुभाग पोहरी द्वारा ग्राम बछौरा में कार्यक्रम आयोजित कर छात्र-छात्राओं एवं आमजन को साइबर फ्रॉड/अपराधों के प्रति जागरूक किया।
पुलिस द्वारा आमजन को साइबर धोखाधड़ी, हैकिंग और अन्य ऑनलाइन गेमिंग खतरों, से अवगत कराया साथ ही बताया की कैसे साइबर अपराध तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और लोग इनके शिकार होते जा रहे हैं उन्होंने छात्रों को साइबर सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए जैसे की मजबूत पासवर्ड बनाना, अज्ञात लिंक पर क्लिक न करना, व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन सजा न करना आदि।
वर्तमान में सामने आ रहे नए फ्रॉड जैसे डिजिटल अरेस्ट, आदि को भी विस्तार से समझाया। साथ ही यदि किसी व्यक्ति के साथ साइबर अपराध हो जाए तो घबराएं नहीं बल्कि नेशनल सायबर हेल्पलाईन 1930 पर कॉल कर शिकायत करें ।
क्या करना चाहिए
- विश्वसनीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करना चाहिए।
- टू स्टेप वेरिफिकेशन/ ऑथेंटिकेशन चालू रखना चाहिए।
- सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग के माध्यम से अपनी निजी जानकारियां छुपा कर रखना चाहिए।
- ऑनलाइन शॉपिंग के लिए मान्यता प्राप्त ई-कॉमर्स वेबसाइट/एप्स का ही प्रयोग करना चाहिए।
क्या नहीं करना चाहिए
- अनजान नंबरों से आए वीडियो कॉल को रिसीव नहीं करना चाहिए।
- किसी भी अनजान नंबर से आई लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
- किसी भी व्यक्ति के कहने पर कोई एप्लीकेशन जैसे एनीडेस्क, टीमव्यूअर, क्विक सपोर्ट आदि अपने मोबाइल में इंस्टॉल नहीं करनी चाहिए।
- ऑनलाइन चैटिंग पर आपत्तिजनक/ अंतरंग वीडियो/ फोटो आदि सांझ नहीं करना चाहिए।
साइबर फ्रॉड हो जाने पर क्या करना है
साइबर फ्रॉड होने पर सबसे पहले हमें 1930 पर कॉल करके अपने साथ घटित हुए साइबर अपराध के संबंध में सूचित करना चाहिए तत्पश्चात नजदीकी पुलिस स्टेशन अथवा साइबर सेल से संपर्क करना चाहिए ।