शिवपुरी। शिवपुरी के प्रसिद्ध किड्स गार्डन स्कूल के संचालक के खिलाफ लेन देन के मामलो को लेकर दो आवेदन पहुंचे है। दोनो की आवेदन एक जमीन से जुडे है,इस दोनों आवेदनकर्ताओं ने शिवकुमार गौतम पर 20—20 लाख की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है,इन दोनो ही आवेदन पर गौर करे तो स्कूल संचालक शिवकुमार गौतम का सीधे लेन-देन स्पष्ट नहीं हो रहा है बल्कि मनगढ़ंत और बिना किसी ठोस आधार के दिखाई पड रहे हैं। स्कूल संचालक ने इस मामले को लेकर एक आवेदन भी पुलिस अधीक्षक को दिया।
हरेन्द्र ने लगाया था 20 लाख का आरोप
28 जनवरी को हरेन्द्र रघुवंशी ने शिवकुमार गौतम पर 20 लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाया था। हरेन्द्र रघुवंशी ने अपने आवेदन में बताया था कि उसने 13 लाख रुपए का चेक पीतांबरा डबलवर्स के नाम दिया था और 7 लाख रुपए नगद शिवकुमार गौतम को दिए थे यह राशि रामजीलाल धाकड़ की जमीन खरीदने के लिए पार्टनरी के कारण दिए थे। हरेन्द्र रघुवंशी ने बताया था कि यह चेक शिवकुमार गौतम के घर दिया था और शिवकुमार गौतम ने ही यह चेक पीतांबरा डबलबर्स के नाम लेख किया था। हरेंद्र रघुवंशी के अनुसार शिवकुमार गौतम से मौखिक बातचीत हुई थी कि इस जमीन में तुम्हें पार्टनरी देगें। इसके बाद पार्टनरी नही दी और ना ही किसी भी प्रकार की लिखा पढ़ी की गई।
इस आवेदन में हरेंद्र रघुवंशी और शिवकुमार के बीच लेनदेन के कोई प्रमाण नहीं दिए गए। चेक जो दिया गया था वही पीतांबरा डेबलबर्स के नाम दिया था। यह फर्म शिवकुमार गौतम की नही है। वही इस मामले के बाद शिवकुमार गौतम ने पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन देकर पूरे मामले की जांच करने की मांग की थी और कहा था कि पीतांबरा डेबलवर्स का चेक एक कंस्ट्रक्शन फर्म बनाने और इस फर्म के नाम रातौर मे एक जमीन का अनुबंध करने के लिए देवेंद्र शर्मा को दिया था मुझे नही दिया गया था। हरेंद्र रघुवंशी झूठे गवाहों के आधार पर सात लाख रुपए नगद स्कूल संचालक को देना बता रहे है जबकि स्कूल संचालक शिवकुमार गौतम ने हरेंद्र रघुवंशी को चार लाख रुपये दिये थे जिसका प्रमाण भी पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत किया था।
इस मामले के बाद बीते रोज फिर एक आदेवन दिया गया
पहले समझे इस आवेदन को:-
अरुण शर्मा पुत्र श्री रामभरौसी शर्मा उम्र 40 निवासी वार्ड क्रमांक 17 तुलसी नगर झांसी तिराहा शिवपुरी ने एक आवेदन पुलिस अधीक्षक को सौंपा है,इस आवेदन में आवेदन कर्ता ने लिखा है कि आवेदन कर्ता अरुण शर्मा और शिवकुमार गौतम ने रामजी लाल धाकड़ की 4 बीघा जमीन का अनुबंध 1 करोड़ 53 लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से किया था। इस अनुबंध में शिवकुमार गौतम 66 प्रतिशत और आवेदनकर्ता अरुण शर्मा 33 प्रतिशत के पार्टनर थे। इस अनुबंध में उल्लेख है कि अनुबंध के समय 40 लाख रुपए शिवकुमार गौतम ने और 20 लाख रुपए अरुण शर्मा ने जमीन विक्रेता रामजीलाल धाकड को दिए थे।
इस आवेदन में उल्लेख किया गया है कि शिवकुमार गौतम ने इस 4 बीघा जमीन की रजिस्ट्री जमीन विक्रेता रामजीलाल धाकड से करा ली है। इस रजिस्ट्री की जानकारी मुझे नहीं थी। जब इस रजिस्ट्री के विषय में मैंने रामजीलाल से बातचीत की तो उसने कहा कि तुम्हारे बीस लाख रुपए शिवकुमार गौतम ने अपनी रजिस्ट्री में मुजरा करा दिए है। शिवकुमार गौतम से इन 20 लाख रुपए की मांग की तो उन्होंने पैसे देने को इंकार कर दिया।
इस पूरे मामले को समझने की कोशिश करे तो एक ही जमीन के पीछे यह लेनदेन बताया गया है अरुण शर्मा ने जो 20 लाख रुपए दिया है वह जमीन विक्रेता रामजीलाल धाकड को दिया है। इस मामले को लेकर जब शिवकुमार गौतम से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अरुण शर्मा ने रामजीलाल धाकड से अनुबंध किया है इसके दस्तावेज प्रमाण है,अब वह वाकी 2 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करा सकता है। इसमें मेरा लेन देन कहा है।
अनुबंध के अनुसार 33 प्रतिशत जमीन अरुण शर्मा के नाम अनुबंधित है,अभी भी उसके हिस्से की अनुबंधित जमीन से अधिक जमीन अनुबंध कर्ता के पास बाकी है वह रामजीलाल धाकड को पैसा देकर रजिस्ट्री करा सकता है। चूंकि अनुबंध की समय अवधि गुजर चुकी है तो अब जमीन की रजिस्ट्री रामजीलाल धाकड़ की इच्छा पर निर्भर करती है।
स्कूल संचालक शिवकुमार गौतम शिक्षा के क्षेत्र मे अग्रणी होने के साथ विगत दो वर्षों से राजनीतिक क्षेत्र मे बड़ी तेजी से पकड़ बनाते जा रहे है ऐसे ये बिना किसी ठोस आधार और मनगढ़ंत आरोप लगा कर विरोधी उनकी सामाजिक और राजनीतिक हत्या करने का प्रयास कर रहे है।