शिवपुरी। शिवपुरी जिले के बदुआ गांव के रहने वाला एक 27 वर्षीय युवक अपनी बहन की ससुराल ग्वालियर के भितरवार स्थित सरवा गांव में गया हुआ था,युवक का बहन की ससुराल होने की वजह से आना-जाना लगा ही रहता था,तभी उसकी मुलाकात बहन के पड़ोस में रहने वाली युवती से हुई और उनका प्रेम प्रसंग शुरू हो गया।
वहीं युवक 8 फरवरी 2025 रविवार के दिन अपनी बहन की ससुराल गया हुआ था तभी वह अपनी प्रेमिका से मिलने पहुंचा, प्रेमिका के भाईयों ने उसको देख लिया और उसकी बड़ी बेरहमी के साथ मारपीट कर दी। युवक को ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल भर्ती कराया गया,लेकिन युवक ने आज सोमवार की सुबह दम तोड़ दिया। पुलिस ने भी आरोपियों पर हत्या ही धाराओं में मामला दर्ज कर लिया हैं।
जानकारी के अनुसार शिवपुरी के बदुआ गांव के रहने वाले गवेन्द्र सिंह पाल एक निजी फर्म में काम करता था। उसकी बहन का ससुराल ग्वालियर के भितरवार स्थित सरवा गांव में है। यहां उसका बचपन से आना-जाना था। दो दिन पहले भी वह अपने घर से बहन के घर जाने के लिए निकला था।
रविवार रात को गवेन्द्र सिंह गंभीर हालत में बहन के ससुराल के पड़ोस में घर के बाहर पड़ा मिला। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और फौरन पुलिस को जानकारी दी। हालत गंभीर होने से भितरवार थाना प्रभारी अतुल सिंह सोलंकी ने उसे जयारोग्य अस्पताल पहुंचाया। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था।
युवती से अफेयर था, प्रेमिका के भाइयों ने पीटा
पुलिस ने बताया कि मृतक की बहन के ससुराल के पास गजेन्द्र बघेल, रतन और नरोत्तम उर्फ बंटी बघेल रहते हैं। उनकी बहन से गवेन्द्र का अफयेर चल रहा था। रविवार रात को वह अपनी प्रेमिका से मिलने पहुंचा था, तभी घर के लोग जाग गए। इसके बाद तीनों भाइयों गजेन्द्र बघेल, रतन व नरोत्तम बघेल उर्फ बंटी ने बंधक बनाकर उसे बेरहमी से पीटा।
मृतक के भाई जहिंदर सिंह पाल ने बताया कि गवेन्द्र बघेल के परिवार ने रविवार रात उसे रास्ते में घेरकर पकड़ा और पीटते हुए घर के अंदर ले गए। वहां डंडे, लाल-घूंसों से बेरहमी से पीटा। जब वह पिटते-पिटते बेहोश हो गया तो उसे घर के बाहर सड़क पर फेंक दिया। गवेंद्र के मोबाइल नंबर से ही डायल 100 को सूचना दी गई थी।
बेड नहीं मिला, जमीन पर पड़ा रहा घायल
गवेन्द्र के भाई जहिंदर और भांजे राहुल का कहना है कि, रात को जब गवेन्द्र को लेकर अस्पताल आए तो गंभीर हालत होने के बाद भी उसे बेड नहीं मिला। जब बेहोशी में उसकी हालत बिगड़ने लगी तो डॉक्टर आईसीयू में ले गए। गवेन्द्र की मौत बाहर ही हो गई थी। इलाज में लापरवाही भी बरती गई है।