शिवपुरी। महाशिवरात्रि पर शहर के प्रमुख मंदिरों का हाल एक जैसा ही रहा है। मंदिरों के बाहर लंबी लाइन और महादेव के दर्शन करने के लिए लाइनों में इंतजार करते शिवभक्त दिखाई दिए। शहर के प्रमुख मंदिर सिद्धेश्वर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया।
दोपहर तक मंदिरों में इसी तरह की भीड़ लगी रही। सिद्धेश्वर मंदिर के साथ-साथ नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, इच्छापूर्ण शिव मंदिर, गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, चंद्रमोली महादेव मंदिर सहित आसपास स्थित मंदिरों में महाशिवरात्रि की धूम रही। सुबह से ही रुद्राभिषेक और पूजा अर्चना के कार्यक्रम चलते रहे। शाम को शहर के कई स्थानों पर भांग वितरण के साथ-साथ प्रसादी वितरण भी होगा जिसके लिए शहर भर में पंडाल लग चुके हैं। रात्रि में मंदिरों पर भजन संध्या के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। वहीं कई मंदिरों पर धार्मिक आयोजन चलेंगे।
सिद्धेश्वर मंदिर पर तो यह हाल था कि यहां गर्भगृह तक पहुंचने में लोगों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा और लाईन में लगकर भक्त पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचे। शिवालयों में बम-बम बोलों के नारों से मंदिर प्रांगण गूंज उठे। जगह-जगह फलाहार वितरण किया गया। पूरे शहर का माहौल शिवमय हो गया और लोग भक्ति भाव के साथ शिव आराधना में जुटे रहे।
सिद्धेश्वर मंदिर पर मंगलवार को ही सजावट शुरू हो गई थी और मंदिर के गर्भगृह को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। सुबह जब मंदिर के पट खोले गए तो भगवान का अभिषेक किया गया और इसके बाद भगवान को दूल्हे की तरह सजाया गया।
इसके बाद मंदिर को आम भक्तों के लिए खोल दिया गया। सुबह से ही मंदिरों के बाहर भीड़ जमा होना शुरू हो गई और दोपहर तक सैकड़ों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचे। यह पहला मौका है जब कोरोना काल के बाद किसी त्यौहार पर मंदिरों में इतनी संख्या में भीड़ नजर आ रही है।
दोपहर तक मंदिरों में इसी तरह की भीड़ लगी रही। सिद्धेश्वर मंदिर के साथ-साथ नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, इच्छापूर्ण शिव मंदिर, गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, चंद्रमोली महादेव मंदिर सहित आसपास स्थित मंदिरों में महाशिवरात्रि की धूम रही। सुबह से ही रुद्राभिषेक और पूजा अर्चना के कार्यक्रम चलते रहे। शाम को शहर के कई स्थानों पर भांग वितरण के साथ-साथ प्रसादी वितरण भी होगा जिसके लिए शहर भर में पंडाल लग चुके हैं। रात्रि में मंदिरों पर भजन संध्या के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। वहीं कई मंदिरों पर धार्मिक आयोजन चलेंगे।
सिद्धेश्वर मंदिर पर तो यह हाल था कि यहां गर्भगृह तक पहुंचने में लोगों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा और लाईन में लगकर भक्त पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचे। शिवालयों में बम-बम बोलों के नारों से मंदिर प्रांगण गूंज उठे। जगह-जगह फलाहार वितरण किया गया। पूरे शहर का माहौल शिवमय हो गया और लोग भक्ति भाव के साथ शिव आराधना में जुटे रहे।
सिद्धेश्वर मंदिर पर मंगलवार को ही सजावट शुरू हो गई थी और मंदिर के गर्भगृह को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। सुबह जब मंदिर के पट खोले गए तो भगवान का अभिषेक किया गया और इसके बाद भगवान को दूल्हे की तरह सजाया गया।
इसके बाद मंदिर को आम भक्तों के लिए खोल दिया गया। सुबह से ही मंदिरों के बाहर भीड़ जमा होना शुरू हो गई और दोपहर तक सैकड़ों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचे। यह पहला मौका है जब कोरोना काल के बाद किसी त्यौहार पर मंदिरों में इतनी संख्या में भीड़ नजर आ रही है।