शिवपुरी जिले की कलोथरा पंचायत ने एक अनूठी पहल करते हुए बिजली की कमी से बंद पड़ी गौशाला को सोलर पैनल की मदद से पुनर्जीवित किया। इस नवाचार से आज गौशाला में 70-75 अनाश्रित गायों को आश्रय मिल रहा है।
गौशाला के बोर के लिए बिजली नही थी
बता दें कि, गौशाला में पहले से मौजूद बोर का उपयोग बिजली की कमी के कारण नहीं हो पा रहा था। इस समस्या के समाधान के लिए पंचायत ने 3 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगवाया। इसमें 3 एचपी की डीसी मोटर लगाई गई है, जो 200 फीट की गहराई से पानी निकाल सकती है। सोलर सिस्टम की खास बात यह है कि इसका रखरखाव निशुल्क है, साथ ही पार्ट्स पर 3 साल और पैनल पर 25 साल की वारंटी मिलती है।
कलोथरा पंचायत की पहल से गौशाला में 70-75 अनाश्रित गायों को आश्रय मिल रहा है। मध्यप्रदेश में नरेगा के तहत कई गोशालाएं बनाई गईं, लेकिन बिजली और पानी की कमी के कारण अधिकांश का संचालन नहीं हो पा रहा था। पंचायतों के पास 15वें और 5 वें वित्त से नलकूप खनन की अनुमति नहीं थी और विद्युत ट्रांसफॉर्मर और लाइन कार्य की लागत भी बहुत अधिक थी।
जिले की अन्य पंचायतों में भी लागू होगा मॉडल
कलोथरा पंचायत की सरपंच रामश्री आदिवासी ने बताया कि सोलर पैनल लगने के बाद गोशाला में पर्याप्त रोशनी और पानी की व्यवस्था हो गई है। जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन ने इस सफल प्रयोग को देखते हुए जिले की अन्य पंचायतों में भी इस मॉडल को लागू करने की योजना बनाई है।
गौरतलब है कि, कलोथरा पंचायत पहले भी देश का पहला पीएम जनमन आवास बनाकर सुर्खियों में रह चुकी है। अब गौशाला के इस नवाचारी समाधान से एक बार फिर यह पंचायत चर्चा में है।