शिवपुरी। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शिवपुरी की नरवर शाखा में हुए दस लाख के घोटाले के मामले में बैंक के जीएम द्वारा डेढ़ माह पूर्व तत्कालीन शाखा प्रबंधक सहित भृत्य पर एफआईआर के आदेश जारी कर चुके हैं। इसके बाद भी मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
उल्लेखनीय है कि सहकारी बैंक की नरवर शाखा में पदस्थ तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्याम सुंदर मिश्रा ने किसानों से वसूले गए लाखों रुपये के ऋण को किसानों के ऋण खाते में जमा न करते हुए बैंक में पदस्थ भृत्य घनश्याम वनपुरिया व उसकी पत्नी पवन जाटव के खाते में जमा करवाया। इस मामले को मीडिया ने कई बार प्रकाशित किया है। उक्त खबरो के प्रकाशन उपरांत बैंक प्रबंधन ने सहकारी बैंक नरवर में पदस्थ बैंक प्रबंधक अमित जैन से मामले की जांच करवाई।
जांच में घोटाला उजागर हो गया, परंतु अमित जैन ने 28 सितंबर 2023 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि चूंकि गबन की राशि दस लाख रुपये से अधिक की है, इसलिए मामले की जांच कमेटी बनाकर करवाई जाए। 30 सितंबर 2023 को कलेक्टर ने शिकायत के एक साल बाद मामले में दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए इसके बाद बैंक के तत्कालीन जीएम अरस्तु प्रभाकर व वर्तमान जीएम आरके दुबे ने मामले की जांच करवाई।
मामला सिद्ध पाए जाने पर कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में स्टाफ कमेटी की बैठक हुई। बैठक में कलेक्टर ने मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उक्त निर्देशों के क्रम में जीएम आरके दुबे ने 17 दिसंबर को नरवर के तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्याम सुंदर मिश्रा व भृत्य घनश्याम वनपुरिया को निलंबित करते हुए, नरवर के शाखा प्रबंधक को श्यामसुंदर मिश्रा व घनश्याम वनपुरिया के खिलाफ नरवर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं,
परंतु अभी तक मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इस पूरे मामले में नरवर थाना प्रभारी केदार सिंह यादव को कई फोन लगाए गए परंतु उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया।
इनका कहना है
मैं मामले में एफआइआर दर्ज करने के लिए नरवर थाने पर आवेदन दे चुकी हूं, दो बार थाने पर जाकर भी मिल आई हूं। अभी तक एफआईआर क्यों नहीं हुई, यह मेरी जानकारी में नहीं है। - प्रियंका जैन, शाखा प्रबंधक, नरवर।