SHIVPURI NEWS - CMO इशांक धाकड़ ने दिया 97 कर्मचारियों को वेतन वापिसी करने का नोटिस

Bhopal Samachar

शिवपुरी। आर्थिक तंगी से जूझ रही शिवपुरी नगर पालिका में पदस्थ प्रभारी अकाउंटेंट ने कर्मचारियों को दोगुने वेतन का भुगतान कर दिया। यह मामला नगर पालिका में चर्चा का विषय बना हुआ है। मामले में सीएमओ CMO अकाउंटेंट सहित कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है। जानकारी के अनुसार जनवरी माह के अंत में नगर पालिका द्वारा कर्मचारियों के दिसम्बर माह के वेतन का भुगतान किया गया। वेतन भुगतान के दौरान बड़ी विसंगति सामने आई है।

यहां नगर पालिका के प्रभारी अकाउंटेंट यशपाल जाट ने वेतन भुगतान के लिए 97 कर्मचारियों की सूची दो बार बैंक भेज दी। इस तरह से करीब 20 लाख रुपये का भुगतान कर्मचारियों को अधिक कर दिया गया। जब कर्मचारियों के खाते में उन्होंने दोगुना वेतन देखा तो उन्होंने नगर पालिका में पूछताछ शुरू की। इस तरह से पूरा मामला खुल गया।

इस पर नपा सीएमओ इशांक धाकड़ ने मामले की पड़ताल शुरू करवाई तो पता चला कि 61 कर्मचारियों की एक सूची और 36 कर्मचारियों की एक अन्य सूची दो बार भुगतान के लिए भेजी गई थी। इस मामले में सीएमओ इशांक धाकड़ ने यशपाल जाट को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें पद से हटाने की अनुशंसा के साथ प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा है।

वहीं सभी कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है कि वह खातों में आया अतिरिक्त भुगतान या तो नगर पालिका को वापिस करें या फिर यह भुगतान उनके अगले माह की वेतन में समायोजित किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि फिलहाल किसी कर्मचारी ने वेतन नगर पालिका को वापिस नहीं किया है क्योंकि उन्हें आर्थिक संकट के दौर में एडवांस भुगतान मिल गया है।

हालांकि इस अतिरिक्त भुगतान से नगर पालिका को काफी परेशानी भुगतनी पड़ रही है। इस पूरे मामले में खास बात यह है कि प्रभारी अकाउंटेंट ने अधिकारियों को सिर्फ 61 कर्मचारियों की सूची की ही जानकारी दी है। 36 कर्मचारियों को दोगुने वेतन के भुगतान की जानकारी अधिकारियों को नहीं है।

इस पूरे मामले में नगर पालिका के रिटायर्ड सीएमओ रामनिवास शर्मा का कहना है कि यशपाल जाट अकाउंटेंट बनने की आहंता ही नहीं रखता है। ऐसे में अयोग्य व्यक्ति को बेहद जिम्मेदारी वाले पद पर बिठाने के लिए न सिर्फ उन अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए जिन्होंने इन्हें पद पर बिठाया, बल्कि संबंधित पर भी लेखा अधिनियम की धारा 199 के तहत एफआईआर होनी चाहिए।
 

ठेकेदारों को किया अधूरा भुगतान

नपा के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि कर्मचारियों को अतिरिक्त वेतन भुगतान करने के बाद नपा के खाते में सिर्फ 40 लाख रुपये का भुगतान शेष बचा था। ऐसे में कुछ ठेकेदारों को अधूरा भुगतान किया गया है ताकि कुछ विकास कार्य बदस्तूर जारी रह सकें।

मेरी जानकारी में 61 कर्मचारियों

को 16 लाख रुपये का अतिरिक्त वेतन भुगतान करने का मामला है। मैंने इस मामले में उन सभी कर्मचारियों को वेतन वापिस करने के संबंध में नोटिस दिए हैं जिनके खाते में अतिरिक्त भुगतान पहुंच गया। इसके अलावा प्रभारी अकाउंटेंट को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें हटाने का प्रस्ताव भी वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है। इशांक धाकड़, सीएमओ, नपा

एक अयोग्य कर्मचारी को

अकाउंटेंट बनाकर बिठा दिया है। ऐसे में इस तरह की अनियमितता होना तो तय है। उक्त कर्मचारी के सामने यह स्थिति बन गई है कि वह न तो अपना मूल काम कर पा रहा है और न ही अकाउंटेंट का। ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि वह एक योग्य और जानकार व्यक्ति को इस जिम्मेदारी भरी सीट पर बिठाएं।
शशि शर्मा, नेता प्रतिपक्ष

यह मामला मेरे संज्ञान में आया है

हम संबंधित पर कार्रवाई प्रस्तावित कर रहे हैं। नपा में ऐसे हालात स्थाई लेखापाल द्वारा न होने के कारण बन रही है। ऐसा हमारे यहां पहली बार नहीं हुआ बल्कि पूर्व में विभिन्न मदों के पैसे के बंटवारे में भी ऐसी स्थितियां बनी हैं। मैं चार से पांच बार स्थाई लेखापाल और हेल्थ ऑफिसर भेजने के लिए शासन को मांग पत्र भेज चुकी हूं। इस बार फिर से मेरे द्वारा लेखापाल का मांग पत्र भेजा जा रहा है। गायत्री शर्मा, नपाध्यक्ष।