शिवपुरी। Central Board of Secondary Education (CBSE) ने अपने परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया हैं,इस सिस्टम के कारण बच्चो को राहत मिलेगी,बच्चों पर बोर्ड परीक्षा का मानसिक प्रेशर कम होगा और उनके पास फायलन परीक्षा में विकल्प भी मौजूद होगा,बच्चे अपने फायनल एग्जाम दो बार दे सकते है। चाहे तो सभी विषयों की परीक्षा पुन: दे सकते है या फिर अपने कमजोर विषय में भी वह पुन:एग्जाम दे सकते है। सीबीएसई ने इस बार पूरक सिस्टम भी खत्म कर दिया है वही छात्रों को दोनों परीक्षाओं में से बेस्ट परिणाम को मान्य करते हुए छात्र का परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा।
यह जारी किया है सीबीएसई बोर्ड ने जो नोटिफिकेशन जारी
सिस्टम सीबीएसई बोर्ड ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है, उसमें कक्षा 10 वीं के बच्चों की प्रथम परीक्षा 17 फरवरी 2026 से 5 मार्च के बीच और उसका परिणाम 20 अप्रेल को घोषित होगा। दूसरी परीक्षा 5 मई 2026 से 21 मई के बीच होगी और इसका परिणाम 30 जून तक घोषित होगा। छात्रों को यह सितंबर माह में ही तय करना होगा कि उन्हें एक परीक्षा में बैठना है अथवा दो परीक्षाओं में। यदि छात्र दो परीक्षाओं में बैठना चाहता है तो उसे दोनों परीक्षाओं की फीस सितंबर माह में ही भरनी होगी जो कि वापस नहीं होगी।
छात्र चाहे तो द्वितीय अवसर पर संपूर्ण विषय की परीक्षाएं दे सकते हैं अथवा वे चाहे तो केवल कम स्कोर वाले विषय को बेहतर करने के उद्देश्य से द्वितीय अवसर में शामिल हो सकते हैं। ऐसे छात्र जिन्होंने केवल एक बार परीक्षा को ही चुना है वह यदि किसी विषय में फेल होते हैं तो द्वितीय अवसर के समय उस विषय की परीक्षा में शामिल हो सकते है, जिसमें वह फेल हुए थे। दो परीक्षाओं के बाद भी यदि कोई छात्र फेल होता है तो कोई पूरक परीक्षा नहीं होगी।
हमारे ऊपर पढ़ाई का प्रेशर कम होगा
10वीं क्लास की स्टूडेंटस अद्रिजा जैमिनी ने कहा कि इस बार सीबीएसई बोर्ड से जो बदलाव हुआ है। इससे हमें पढ़ाई करने के साथ परीक्षा देने में आसानी होगी। हमारे ऊपर से पढ़ाई का प्रेशर कम होगा। अगर किसी विषय में कम नंबर आते है तो दूसरी बार भी परीक्षा दे सकते है। 10वीं क्लास के छात्र आशुतोष ने कहा कि एक ही वार्षिक परीक्षा की वजह से हमारे ऊपर जो दबाव बना रहता है। वह इस नए प्रबंध से कम होगा और हम परीक्षा की तैयारी पहले से और अच्छी कर पाएंगे। बोर्ड ने अच्छा बदलाव किया है।
अच्छा प्रदर्शन करने का मिलेगा मौका
बोर्ड के इस बदलाव से बच्चों को अपनी परीक्षा तैयारी को और बेहतर व परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का एक और मौका मिलेगा। बच्चों के हिसाब से यह सही है। इससे कमजोर व अच्छा पढ़ने वाले दोनों बच्चों को लाभ मिलेगा।
आलोक कुमार शर्मा, अभिभावक.
विद्यार्थी जीवन सीखने के लिए होता है। कक्षा 9 तक चाहे जितनी भी परीक्षा दे दो, पर बोर्ड की परीक्षा बोर्ड की तरह ही होनी चाहिए। जो विद्यार्थी अनुशासित रहते है। उन पर पढ़ाई का उतना दबाव नहीं रहता, जितना जो विद्यार्थी पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लेते।
अशफाक खान, अभिभावक
सीबीएसई बोर्ड ने इस बार नए सत्र 2025-26 से कक्षा 10 वीं बोर्ड के बच्चों के लिए एक परीक्षा के स्थान पर दो परीक्षा की सुविधा प्रदान की है। छात्र दोनों में से कोई भी एक परीक्षा या दोनों परीक्षा दे सकता है। इतना ही नहीं अगर पहली परीक्षा में किसी विषय में उसको लगता है कि अच्छे नंबर नहीं आ रहे तो वह उस विषय की परीक्षा दूसरी बार में भी दे सकता है।
प्रायोगिक परीक्षाएं व आंतरिक मूल्यांकन एक बार
एक्सपर्टस की टीम ने पूरे एनालिसिस के बाद इस नई व्यवस्था को बनाया है। विद्यार्थियों को दो अवसर मिलने से जहां मानसिक तनाव कम होगा, वहीं वह छात्र अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी आसानी से कर पाएंगे। सीबीएसई बोर्ड की यह पहल काफी अच्छी है।
पवन कुमार शर्मा, संचालक, गीता पब्लिक स्कूल