शिवपुरी। करैरा जनपद के ग्राम पंचायत मामोनी कलां में 1 फरवरी को गांव में मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आयोजित भंडारे में बासा भंडारा खाने के कारण लगभग 5 सैकड़ा से अधिक लोगों की अचानक से तबीयत खराब हो गई थी। प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा था कि यह लोग फूड पॉइजन का शिकार हुए है,लेकिन इन स्टूल सैंपल की जांच कराई गई थी,इस रिपोर्ट में पूरे गांव की तबीयत साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण बिगड़ी थी। इस रिपोर्ट के बाद इस बात की आशंका समाप्त हो गई है कि भोजन में किसी ने कुछ मिला दिया होगा।
उल्लेखनीय है कि मामौनीकलां में ग्रामीणों ने मिलकर हनुमान मंदिर की स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा करवाई है। 1 फरवरी को ग्रामीणों ने मिलकर इसका भंडारा किया। करीब पांच गांव के लोगों ने पहले दिन भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। भंडारा अधिक बन जाने के कारण रविवार को भी मामौनीकलां गांव की करीब डेढ़ हजार की आबादी ने बासा भंडारा खाया था। इसके बार रविवार सोमवार की दरम्यानी रात से लोगों की तबीयत बिगड़ना शुरू गई। एक के बाद एक करके पांच सैकड़ों ग्रामीण बीमार हो गए।
स्वास्थ्य विभाग को तीन दिन तक गांव में ही डेरा डालकर रखना पड़ा। ग्रामीणों ने आशंका जाहिर की कि भंडारे में दूसरे दिन किसी ने कुछ मिला दिया या फिर कोई जहरीला पदार्थ भोजन में गिर गया। इसी के चलते प्रशासन ने न सिर्फ खाने के सैंपल कलेक्ट किए बल्कि लोगों के स्टूल सैंपल भी कलेक्ट किए गए। स्टूल सैंपल की जांच आ गई है। इसमें पाया गया है कि लोगों की तबीयत बिगड़ने का कारण साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया रहा। भंडारे की आलू की सब्जी में यह बैक्टीरिया पनप गया था और उसने सभी ग्रामीणों की तबीयत खराब की।
यह बैक्टीरिया टाइफाइड जैसी बीमारी का जनक होता है
डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण के 6 घंटे से 6 दिन बाद लक्षण दिखने लगते हैं। इनमें खूनी दस्त, बुखार और पेट में ऐंठन शामिल है। ज्यादातर लोग एंटीबायोटिक उपचार के बिना 4 से 7 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। लेकिन गंभीर दस्त वाले कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती होने या एंटीबायोटिक लेने की ज़रूरत पड़ सकती है। 7 फरवरी को जिला अस्पताल में उपचाररत एक सैकड़ा मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। 49 मरीजों का उपचार जारी है।
इनका कहना है
स्टूल सेम्पल की जांच रिपोर्ट आ गई है। ग्रामीणों की तबीयत साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण बिगड़ी है। इस वैक्टीरिया के संक्रमण से उपचार के लिए करीब सात दिन तक लग जाते हैं। हमने जिला अस्पताल में भर्ती लगभग एक सैकड़ा मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया है। अब 49 मरीज जिला अस्पताल में उपचाररत हैं। डिस्चार्ज मरीजों को गांव छुड़वा दिया है। डॉ संजय ऋषिश्वर, सीएमएचओ, शिवपुरी