SHIVPURI NEWS - सगाई शुभ शगुन होता है सौदा नही,कहते हुए दहेज के 40 लाख ठुकरा दिए BAC ने

Bhopal Samachar

करैरा। समाज में वर्षों से चली आ रही दहेज प्रथा के खिलाफ करैरा के बीआरसी कार्यालय में बीएसी पद पर पदस्थ शिक्षक अमर सिंह लोधी ने ऐतिहासिक कदम उठाया। ग्राम अमोल पठा निवासी अमर सिंह लोधी बचपन से ही समाज में फैली कुरीतियों का विरोध करते आ रहे हैं। वे तेरहवीं भोज और दहेज प्रथा को अनुचित मानते हैं और हमेशा इनके खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं।


रविवार की रात उनके पुत्र कपिल लोधी का सगाई समारोह हुआ। उनके बेटे का चयन रेलवे में सहायक उपयंत्री के पद हैं। पर हो चुका है। समारोह में वधु पक्ष द्वारा 40 लाख रुपए दहेज देने की घोषणा की तो अमर सिंह लोधी खड़े हुए और उन्होंने दहेज को ठुकराने की घोषणा कर दी।

उन्होंने समाज के सामने कहा- इन पैसों से मैं अमीर नहीं बन सकता लेकिन इस सोच से हम गरीब जरूर बन जाएंगे। दहेज प्रथा ने हमारी परंपराओं को कलंकित किया है। पहले सगाई एक शुभ शगुन होता था जिसे हमने दहेज में बदल दिया है। हमें सगुन लेना चाहिए, सौदा नहीं करना चाहिए। मुझे 40 लाख नहीं चाहिए, सिर्फ 501 रुपए सगुन के रूप में ही काफी


ठान लें तो कुरीतियां समाप्त हो जाएंगी
अमर सिंह लोधी के इस फैसले पर सगाई समारोह में मौजूद सैकड़ों गणमान्य लोगों और समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों ने तालियां बजाकर उनका समर्थन किया। इस दौरान करैरा के पूर्व जनपद अध्यक्ष लोकपाल लोधी, भाजपा के सिरसौद मंडल अध्यक्ष ब्रजेश लोधी, महेश लोधी, चरण सिंह लोधी, कमल सिंह लोधी, पंकज श्रीवास्तव, नरेंद्र लोधी, सुनील लोधी सहित समाज के वरिष्ठ जन मौजूद रहे।

समाज के लोगों ने कहा कि अमर सिंह ने ऐतिहासिक पहल कर समाज को नई दिशा दी है। उनका यह फैसला न केवल लोधी समाज, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए प्रेरणादायी है। यह घटना साबित करती है कि यदि हम ठान लें तो कुरीतियों को समाप्त किया जा सकता है।