SHIVPURI NEWS - 1175 गांवों का ड्रोन सर्वे, गांव की प्रॉपर्टी खसरे में दर्ज मिलेगा लोन

Bhopal Samachar

शिवपुरी। जिले में गांवों में रहने वाले लोगों को रहवासी क्षेत्र की प्रॉपर्टी के कागज, रजिस्ट्री की तरह ही मिलना शुरू हो गए हैं। जिले के 1175 गांवों में रहने वालों की प्रॉपर्टी को खसरे में दर्ज कर खसरा नंबर दिया जा रहा है। जैसे शहरों में लोगों के पास रजिस्ट्री होती है, वैसे ही गांव के लोगों के पास भी अपने मकान या अन्य प्रॉपर्टी के कागज होंगे। खास बात यह है कि इन कागजों के आधार पर ग्रामीण सरकारी विभागों से लेकर बैंकों से लोन भी ले सकेंगे।

जिले में बीते तीन वर्षों से 1175 आबादी वाले गांवों की प्रॉपर्टी का सर्वे ड्रोन से किया जा रहा है। इस सर्वे में गांव की प्रत्येक प्रॉपर्टी को यूनिक खसरा नंबर दिया जा रहा है। अभी तक जिले में केको में अभी नक्शे नहीं बनने कारण फाइनल प्रकाशन नहीं हो पाया है। इन गांवों में ग्राउंड टू थिंग, आरओआर टैगिंग, प्रथम प्रकाशन, द्वितीय प्रकाशन और अंतिम प्रकाशन स्तर पर गांवों के नक्शे पेंडिंग है।

इन गांवों में दोबारा ड्रोन उड़ाया गया और प्रॉपर्टी की फोटो खींची गई। पहली बार में इन गांवों में सर्वे के दौरान फोटो धुंधली आने के कारण सर्वे ही खारिज हो गया था। यहां बता दें कि पहले गांवों में एक ही सर्वे नंबर होता था। इस कारण वहां की प्रॉपर्टी का अलग से कोई रिकॉर्ड नहीं होता था। खरीदी-बिक्री में भी परेशानी होती थी। प्रत्येक प्रॉपर्टी को यूनिक नंबर मिलने से यह समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।


सबसे ज्यादा सर्वे पिछोर और कम बदरवास में हुआ
जिले में सबसे ज्यादा गांवों का सर्वे पिछोर ब्लॉक में हुआ है। यहां पर 116 गांवों का ड्रोन सर्वे हो चुका है। सबसे कम गांवों का सर्वे बदरवास क्षेत्र में हुआ हैं। यहां पर
केवल 41 गांवों का सर्वे हुआ है।  कोलारस में 92, पोहरी में 85, बैराड़ में 79, शिवपुरी में 65, खनियाधाना में 58, नरवर में 44 और करैरा में 59 गांव का सर्वे हो चुका है।

फोटो धुंधली होने के कारण दोबारा सर्वे किया
जिले के गांवों में हाल ही में प्रशासन ने दोबारा ड्रोन सर्वे कराया है। इसमें सभी प्रापर्टी की इमेज क्लिक की गई है। अब इन गांवों में भी प्रापर्टी को अलग-अलग सर्वे नंबर दिया जाएगा। पिछले बार हुए सर्वे के दौरान इन 642 गांवों में ड्रोन से जो फोटो खींची गई थी, वह धुंधली थी। इसलिए यह सर्वे रिजेक्ट हो गया था।

रजिस्ट्री की तरह कर सकेंगे उपयोग, बैंकों में भी मान्य
सभी गांवों और आबादी क्षेत्र में ड्रोन सर्वे के बाद खसरे बनाए जा रहे हैं। इनका रजिस्ट्री की तरह लोग उपयोग कर सकते हैं। इनसे उन्हें बैंकों से लोन भी मिल सकता है। पहले गांवों में लोगों के पास गांवों में प्रॉपर्टी तो होती थी, लेकिन उसके कागज नहीं होने के कारण उस पर लोन नहीं लिया जा सकता था। जिले में सर्वे ऑफ इंडिया की मदद से ग्रामों में आबादी क्षेत्र के ड्रोन की सहायता से नक्शे बनाए हैं।

यह दस्तावेज रजिस्ट्री की तरह मान्य होंगे, ऋण भी ले सकेंगे
 जिले में 1175 गांवों में ड्रोन सर्वे किया जा रहा है। इनमें से 642 गांवों के नक्शे फाइनल हो चुके हैं। इनके नक्शे, खसरे आदि कागजात बन गए हैं। यह कागज रजिस्ट्री की तरह मान्य होंगे, जिनका लोन आदि में उपयोग किया जा सकता है। 49 गांवों में तकनीकी गलती के कारण दोबारा सर्वे की स्थिति है, यह प्रक्रिया जल्द पूर्ण हो जाएगी।
दिनेश शुक्ला, एडीएम, शिवपुरी